वाम दलों की मांग, हर महीने लोगों को कम से कम 10 किलोग्राम अनाज दें सरकार
वाम दलों के नेताओं ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान योजना को विस्तारित करने की वे पहले से मांग रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेएवाई) का विस्तार नवम्बर महीने के आखिर तक करने की घोषणा की।
इस योजना के तहत गरीबों को प्रतिमाह निशुल्क पांच किलोग्राम चावल या गेहूं और एक किलोग्राम दाल दिए जाएंगे। आरंभ में यह योजना अप्रैल से तीन महीने के लिए शुरू की गयी थी। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘लोगों के विरोध के आगे झुकते हुए मोदी सरकार ने 80 करोड़ लोगों के लिए पांच किलोग्राम मुफ्त अनाज के प्रावधान को अगले पांच महीने के लिए बढ़ा दिया है। भूख से होने वाली मौतों को रोकने के वास्ते छह महीने के लिए प्रतिमाह 10 किलोग्राम अनाज दिए जाने की जरूरत है।’’Government claims to provide jobs to 8 crore returned workers under MNREGA. Provision of 100 days/ year for 1 crore people needs extra allocation of ₹ 2.46 lakh crores. Budgetary plus today’s announcement is less than ₹1.5 lakh crores.
— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 30, 2020
Modi’s claim today is yet another jumla. https://t.co/QVMKd2e87s
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उन्होंने कहा ‘‘कोविड-19 की रोकथाम के लिए निजी ट्रस्ट फंड में जमा हजारों करोड़ रुपये से रकम जारी करना चाहिए।’’ भाकपा महासचिव डी राजा ने पूछा कि ऐसे समय में जब गोदाम भरा पड़ा है, सरकार हर व्यक्ति के लिए जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के मुद्दे का समाधान क्यों नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस के गहरे असर को समझने में प्रधानमंत्री को लंबा वक्त लग गया। भाकपा नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने नकदी हस्तांतरण या मनरेगा के विस्तार की संभावना के बारे में एक शब्द नहीं कहा।
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