नारेबाजी के बजाय विकास की बातों को दें तरजीह: नजमा

नजमा ने नारेबाजी के बजाय ‘‘विकास की बातों’’ पर जोर देने की बात कही और आगाह किया कि इस तरह के राजनीतिक भाषण पहले भी देश में ‘‘गलत’’ चीजों के लिए जिम्मेदार रहे हैं।

‘भारत माता की जय’ के नारे पर देवेंद्र फडणवीस और रामदेव की टिप्पणियों को लेकर बढ़ते विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने आज नारेबाजी के बजाय ‘‘विकास की बातों’’ पर जोर देने की बात कही और आगाह किया कि इस तरह के राजनीतिक भाषण पहले भी देश में ‘‘गलत’’ चीजों के लिए जिम्मेदार रहे हैं। हेपतुल्ला ने इस विचार को भी खारिज कर दिया कि देश में इस वक्त अल्पसंख्यकों के बीच दहशत व्याप्त है। ‘राज्य और केंद्र प्रशासित राज्यों में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रियों और सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन’ से इतर संवाददाताओं से बातचीत में हेपतुल्ला ने कहा, ‘‘ऐसे मुद्दों पर आप प्रतिक्रिया नहीं दें, बल्कि सिर्फ विकास की बातें करें। आपको लोगों को रोजी रोटी देना होगा, बच्चों को प्रशिक्षित करना होगा और आगे बढ़ना होगा।’’

अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमारे देश में पहले भी ऐसे राजनीतिक भाषणों के कारण गलत चीजें हुई हैं जो विकास के मुद्दे से भटकाता है। हम लोग नारों के बारे में नहीं बल्कि विकास के बारे में बात करना चाहते हैं।’’ मंत्री ने कहा कि राजग सरकार को उसके विकास के कार्यों से ध्यान भटकाने के लिए ही इस तरह के विवादों को पैदा किया जाता है। संवाददाताओं ने जब यह सवाल उठाया कि हाल में इस तरह के बयान अधिकतर सत्ताधारी पार्टी के प्रतिनिधियों की ओर से दिए गए, इस पर हेपतुल्ला ने कहा, ‘‘लोग जो कहते हैं उन्हें कहने दें, क्योंकि वह केवल विकास की बात पर चर्चा को तरजीह देती हैं।’’

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