कांग्रेस का राष्ट्रपति को पत्र: मोदी को ‘आगाह’ करें, ‘‘धमकी भरी भाषा’’ न बोलें

Letter to the President of Congress: ''Warn'' to Modi, Do not Say "Threaty Language"
[email protected] । May 14 2018 3:25PM

पार्टी ने कहा, ‘‘कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है और कई चुनौतियों और धमकियों का सामना कर चुकी है। चुनौतियों और धमकियों का सामना करने में कांग्रेस नेतृत्व ने हमेशा साहस और निडरता का परिचय दिया है।

नयी दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के एक अंश को लेकर कांग्रेस पार्टी ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह मोदी को भविष्य में ‘‘धमकाने वाली और अवांछित’’ टिप्पणी नहीं करने की सलाह दें क्योंकि इस तरह की भाषा प्रधानमंत्री पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को 13 मई को भेजे गए पत्र में उस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद और उप नेता आनंद शर्मा, पार्टी के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, पार्टी महासचिव अशोक गहलोत, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं के हस्ताक्षर हैं।

मुख्य विपक्षी पार्टी ने इस पत्र में प्रधानमंत्री द्वारा छह मई को हुबली में एक चुनावी सभा में दिए भाषण के एक अंश का हवाला देते हुए बताया, ‘‘नरेंद्र मोदी ने कहा: ...कांग्रेस के नेता सुन लीजिए, अगर सीमाओं को पार करोगे तो ये मोदी है, लेने के देने पड़ जाएंगे...।’’ कांग्रेस ने इस पत्र में आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के नेतृत्व को धमकी दी,जो निंदनीय है। संवैधानिक रूप से शासित 1.30 अरब आबादी वाले लोकतांत्रिक देश के प्रधानमंत्री की भाषा यह नहीं हो सकती। सार्वजनिक अथवा निजी तौर पर इस तरह का विमर्श अस्वीकार्य है। जिन शब्दों का इस्तेमाल हुआ वो धमकी भरे हैं और इनका मकसद अपमान करना और भड़काना है।’’

पार्टी ने कहा, ‘‘कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है और कई चुनौतियों और धमकियों का सामना कर चुकी है। चुनौतियों और धमकियों का सामना करने में कांग्रेस नेतृत्व ने हमेशा साहस और निडरता का परिचय दिया है। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस तरह की धमकियों से न तो पार्टी और न ही हमारा नेतृत्व झुकने वाला है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस पत्र में यह भी कहा, ‘‘राष्ट्रपति देश का संवैधानिक मुखिया होता है और प्रधानमंत्री एवं उनकी कैबिनेट को परामर्श देना या मागदर्शन करना राष्ट्रपति का कर्तव्य होता है। प्रधानमंत्री से इस तरह की भाषा की उम्मीद नहीं की जाती है चाहे वह चुनाव के समय ही क्यों नहीं बोल रहे हों।’’ पार्टी ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री को आगाह करें कि वह कांग्रेस पार्टी या किसी भी दूसरी पार्टी के लिए इस तरह की अवांछित और धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल नहीं करें क्योंकि यह प्रधानमंत्री पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है।’’

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