उपराज्यपाल ने प्रदूषित यमुना पर अफसोस जताया, कहा: व्रती फिर गंदगी में पूजा-अर्चना के लिए बाध्य हुए

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उपराज्यपाल सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि सक्सेना द्वारा उठाए गए सवालों और मुद्दों का समाधान करने के बजाय ‘आप’ सरकार के ‘‘सूत्र’’ पिछले नौ वर्ष में यमुना की सफाई को लेकर अपनी ‘‘पूर्ण और आपराधिक विफलता’’ को ‘‘अवमानना’’ की आड़ में छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।

दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने सोमवार को छठ पर्व पर सीवर और गंदे पानी से भरी यमुना की स्थिति पर अफसोस जताया और कहा कि नदी को साफ करने के वादे पूरे नहीं हुए।

सक्सेना ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस संबंध में एक के बाद एक कई पोस्ट किए जिनमें उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर निशाना साधा।

सक्सेना ने कहा, ‘‘दीनानाथ भगवान भास्कर को अर्घ्य के साथ छठ महपर्व आज संपन्न हुआ। छठी मैया विदा हुईं लेकिन यमुना मैया एक बार फिर प्रदूषित ही रह गईं। व्रती-श्रद्धालु फिर गाद-मलबे और सड़ांध में पूजा-अर्चना के लिए मजबूर हुए। नदी में जाकर अर्घ्य अर्पण वर्जित हो गया पर यमुना साफ नहीं हुई।’’

सक्सेना ने ‘आप’ सरकार पर आरोप लगाया कि उसने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश में उच्चतम न्यायालय के जरिए ‘‘जटिल तरीके से’’ संशोधन कर दिया। ‘आप’ सरकार के एक सूत्र ने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि संवैधानिक पर बैठा एक पदाधिकारी उच्चतम न्यायालय के फैसले पर इस तरह की भद्दी टिप्पणी कर रहा है।

अदालत की अवमानना एक दंडनीय अपराध है और हमें उम्मीद है कि शीर्ष अदालत उपराज्यपाल के आरोपों का स्वत: संज्ञान लेते हुए इस गलत आरोप से सख्ती से निपटेगी।’’

उपराज्यपाल सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि सक्सेना द्वारा उठाए गए सवालों और मुद्दों का समाधान करने के बजाय ‘आप’ सरकार के ‘‘सूत्र’’ पिछले नौ वर्ष में यमुना की सफाई को लेकर अपनी ‘‘पूर्ण और आपराधिक विफलता’’ को ‘‘अवमानना’’ की आड़ में छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।

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