भारतीय सेना की ये खास रेजिमेंट्स जिनसे दुश्मन भी खाते हैं खौफ

indian army regiments
निधि अविनाश । Jul 4 2020 4:49PM

बिहार रेजिमेंट की स्थापना साल 1941 में हुई थी। इस रेजिमेंट ने हाल में हुए गलवान घाटी में अपनी वीरता का परिचय दिया था और चीनी सेना को पटकनी दी थी। हालांकि इस हिंसक मुठभेड़ में 16 बिहार के सीओ कर्नल संतोष बाबू समेत 17 लोग शहीद हो गए थे।

चीन से सीमा पर तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेह पहुंचे और पीएम मोदी ने थलसेना, वायुसेना, आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात कर उनका हौंसला अफजाई किया। पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, वीर भोग्य वसुंधरा। यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं। ये धरती वीर भोग्या है। लेकिन असल में यह राजपूताना राइफल्स का आदर्श वाक्य है।आइए जानते हैं सेना की खास रेजिमेंट्स और इनके आदर्श वाक्यों के बारे में...

राजपूताना राइफल्स

साल 1775 में राजपूताना राइफल्स की शुरूआत हुई थी। ये भारतीय सेना की सबसे पुरानी राइफल्स रेजिमेंट है। इसके अंदर 19 बटालियन आती हैं।बड़ी-बड़ी मूछें इस रेजिमेंट की पहचान हैं। ये रेजिमेंट 245 साल पुराना है। इसी रेजिमेंट ने 1999 के करगिल युद्ध में हिस्सा लिया था। इस रेजिमेंट का आदर्श वाक्य है “वीर भोग्य वसुन्धरा” जिसका अर्थ होता है जो वीर है, वही पृथ्वी पर राज करेगा। इस रेजिमेंट का मुख्यालय दिल्ली कैंट स्थित है।

राजपूत रेजिमेंट 

साल 1778 में राजपूत रेजिमेंट की शुरूआत हुई थी। राजपूत रेजिमेंट भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। ये रेजिमेंट राजपुताना राइफ्लस से बिल्कुल अलग है। राजपूत रेजिमेंट का आदर्श वाक्य है सर्वत्र विजय। इसके अंदर 20 रेजिमेंट आती हैं। बता दे कि साल 1965 के भारत-पाक के युद्ध में इस रेजिमेंट ने ही पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी। कारगिल के समय इस रेजिमेंट ने तोलोलिंग प्वाइंट पर भी कब्ज़ा किया था।इस रेजिमेंट का मुख्यालय फतेहगढ़, उत्तर प्रदेश स्थित है। 

पंजाब रेजिमेंट 

गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिको के बीच हुए हिंसक झड़प में बिहार रेजिमेंट के अलावा पंजाब रेजिमेंट के भी जवान थे। इस झड़प में तीन जवान शहीद हो गए थे। पंजाब रेजिमेंट भारतीय सेना का एक सैन्य-दल है। ये रेजिमेंट भारतीय फौज की सबसे पुरानी रेजिमेंट में से एक मानी जाती है।इसमें 19 बटालियन आती हैं। इसकी स्थापना 1761 में हुई थी। बता दे कि जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ था तब पंजाब रेजिमेंट का भी बंटवारा किया गया था। इसका पहला हिस्सा पाकिस्तान को मिला तो दूसरा हिस्सा भारत के हाथ में आया। 

मद्रास रेजिमेंट

इस रेजिमेंट की स्थापना साल 1750 में हुआ था। इस रेजिमेंट में 21 बटालियन हैं। इसमें दक्षिण भारतीय राज्यों से लोग शामिल होते हैं। कवच के ऊपर हाथी के साथ दो क्रॉस्ड तलवारें इसकी पहचान है। बता दे कि ये एक पैदल सेना रेजिमेंट है जो कि सबसे पुरानी रेजिमेंट्स में से एक मानी जाती है। इस रेजिमेंट का नाम अंग्रेजों के वक्त मद्रास यूरोपियन रेजिमेंट था।

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 बिहार रेजिमेंट

बिहार रेजिमेंट की स्थापना साल 1941 में हुई थी। इस रेजिमेंट ने हाल में हुए गलवान घाटी में अपनी वीरता का परिचय दिया था और चीनी सेना को पटकनी दी थी। हालांकि इस हिंसक मुठभेड़ में 16 बिहार के सीओ कर्नल संतोष बाबू समेत 17 लोग शहीद हो गए थे।

जम्मू कश्मीर राइफल्स 

जम्मू कश्मीर राइफल्स की स्थापना साल 1821 में हुई थी। ये रेजिमेंट जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा आतंकियों को मौत के घाट उतारने के लिए जानी जाती है। 1962 के भारत चीन युद्ध में इस रेजिमेंट ने अहम भूमिका निभाई थी।

सिख रेजिमेंट

सिख रेजिमेंट की स्थापना साल 1861 में हुई थी। इसमें  इसमें 19 बटालियन आती हैं। इस रेजिमेंट ने कारगिल युद्ध के दौरान टाइगर हिल पर कब्जा किया था। इस रेजिमेंट की युद्धघोष है “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल”। इसका आदर्श वाक्य “निश्चय कर अपनी जीत करूँ” है।

 

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