3 साल में किसी अभियोजन को मंजूरी देने में नाकाम रहा लोकपाल, भ्रष्टाचार के आरोपित अधिकारियों का विवरण देने से इनकार

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च, 2019 लोकपाल के अध्यक्ष के तौर पर न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को पद की शपथ दिलाई थी। लोकपाल के आठ सदस्यों में चार न्यायिक और शेष चार गैर-न्यायिक सदस्य हैं, जिन्हें न्यायमूर्ति घोष ने उसी साल 27 मार्च को शपथ दिलाई थी।

भ्रष्टाचार के आरोपी लोकसेवकों के खिलाफ अभियोग के प्रस्ताव या मंजूरी देने के बारे में पूछे जाने पर लोकपाल ने कहा है कि उसने अभी तक ऐसी एक भी मंजूरी नहीं दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च, 2019 लोकपाल के अध्यक्ष के तौर पर न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को पद की शपथ दिलाई थी। लोकपाल के आठ सदस्यों में चार न्यायिक और शेष चार गैर-न्यायिक सदस्य हैं, जिन्हें न्यायमूर्ति घोष ने उसी साल 27 मार्च को शपथ दिलाई थी। फिलहाल लोकपाल में दो न्यायिक सदस्यों के पद खाली हैं। लोकपाल ने कहा है कि उसे अप्रैल 2021 से 31 जनवरी 2022 तक 4,244 भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जो 2020-21 की तुलना में 80 फीसदी अधिक है।

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वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसे 1427 शिकायतें मिली थीं। करीब तीन साल पहले गठित लोकपाल अब तक भ्रष्टाचार के आरोपी किसी भी लोकसेवक के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी देने में नाकाम रहा है। यह जानकारी ‘सूचना का अधिकार’ (आरटीआई) आवेदन के तहत उपलब्ध कराई गयी है। आरटीआई के तहत पूछे गये सवाल के जवाब में कहा गया है कि भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच और अभियोजन के निर्धारण से संबंधित दो निदेशकों की नियुक्तियां अभी नहीं हो सकी है। आरटीआई आवेदन के जवाब में लोकपाल ने कहा है, ‘‘जांच निदेशक और अभियोजन निदेशक की नियुक्तियों के लिए पैनल उपलब्ध कराने के लिए सरकार से अनुरोध किया गया है।’’ लंबे संघर्ष और आंदोलन के बाद गठित लोकपाल लोकसेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच करने वाला सर्वोच्च निकाय है तथा 27 मार्च 2019 को अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही इसका कामकाज शुरू हो गया था। भ्रष्टाचार के आरोपी लोकसेवकों के खिलाफ अभियोग के प्रस्ताव या मंजूरी देने के बारे में पूछे जाने पर लोकपाल ने कहा है कि उसने अभी तक ऐसी एक भी मंजूरी नहीं दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च, 2019 लोकपाल के अध्यक्ष के तौर पर न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को पद की शपथ दिलाई थी। लोकपाल के आठ सदस्यों में चार न्यायिक और शेष चार गैर-न्यायिक सदस्य हैं, जिन्हें न्यायमूर्ति घोष ने उसी साल 27 मार्च को शपथ दिलाई थी। फिलहाल लोकपाल में दो न्यायिक सदस्यों के पद खाली हैं। लोकपाल ने कहा है कि उसे अप्रैल 2021 से 31 जनवरी 2022 तक 4,244 भ्रष्टाचार की शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जो 2020-21 की तुलना में 80 फीसदी अधिक है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसे 1427 शिकायतें मिली थीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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