वार्षिक रथ यात्रा के बाद भगवान जगन्नाथ मुख्य मंदिर में वापस आए

जगन्नाथ रथयात्रा इस वर्ष 27 जून को शुरू हुई थी, जिसमें तीनों भगवान रथों पर सवार होकर मुख्य मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर श्री गुंडिचा मंदिर में अपने जन्मस्थान की यात्रा पर निकले थे।
भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ वार्षिक रथयात्रा शुरू होने के 12 दिन बाद ‘नीलाद्रि बिजे’ नामक अनुष्ठान के तहत 12वीं सदी के मंदिर (श्री जगन्नाथ मंदिर) में लौट आए। ‘नीलाद्रि बिजे’ अनुष्ठान वार्षिक रथयात्रा के समापन का प्रतीक है।
जगन्नाथ रथयात्रा इस वर्ष 27 जून को शुरू हुई थी, जिसमें तीनों भगवान रथों पर सवार होकर मुख्य मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर श्री गुंडिचा मंदिर में अपने जन्मस्थान की यात्रा पर निकले थे।
शनिवार (पांच जुलाई को बहुड़ा यात्रा) से अपने-अपने रथों पर बैठकर नीलाद्रि बिजे अनुष्ठान की प्रतीक्षा कर रहे देवताओं को एक-एक करके ‘‘पहांडी’’ (रस्मी जुलूस) के माध्यम से मंदिर के गर्भगृह के अंदर ले जाया गया और ‘रत्न बेदी’ (पवित्र मंच जिस पर देवता बैठते हैं) पर बैठाया गया।
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