ITCOL मनी लॉन्ड्रिंग केस: ED की भुवनेश्वर में ताबड़तोड़ कार्रवाई, 8 करोड़ की गाड़ियां-गहने जब्त, 2 लॉकर सील

ITCOL Fraud Case
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एकता । Aug 31 2025 11:43AM

ईडी ने आईटीसीओएल बैंक धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए भुवनेश्वर में व्यवसायी शक्ति रंजन दाश के परिसरों पर छापा मारा। इस दौरान PMLA के तहत 7 करोड़ रुपये से अधिक की 10 लग्जरी कारें, 3 सुपरबाइक, 1.12 करोड़ रुपये के आभूषण और 13 लाख रुपये नकद जब्त किए गए, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की मजबूत पकड़ उजागर हुई।

प्रवर्तन निदेशालय ने मैसर्स इंडियन टेक्नोमैक कंपनी लिमिटेड (आईटीसीओएल) से जुड़े एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में ओडिशा के भुवनेश्वर में दो जगहों पर तलाशी अभियान चलाया है। इस कार्रवाई में ईडी ने कई महंगी लग्जरी गाड़ियां, आभूषण और 8 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी जब्त की है।

तलाशी अभियान में ईडी ने क्या जब्त किया

यह तलाशी 30 अगस्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई थी। ईडी ने व्यवसायी शक्ति रंजन दाश के आवास और उनकी कंपनियों, अनमोल माइंस प्राइवेट लिमिटेड (एएमपीएल) और अनमोल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड (एआरपीएल) के परिसरों पर छापा मारा। दाश इन दोनों कंपनियों के प्रबंध निदेशक हैं।

छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने 7 करोड़ रुपये से अधिक की 10 लग्जरी कारें और 3 सुपरबाइक जब्त कीं, जिनमें एक पोर्शे कायेन, मर्सिडीज-बेंज जीएलसी, बीएमडब्ल्यू एक्स7, ऑडी ए3, मिनी कूपर और एक होंडा गोल्ड विंग मोटरसाइकिल शामिल हैं। इसके अलावा, 13 लाख रुपये नकद, 1.12 करोड़ रुपये के आभूषण, और अचल संपत्तियों से जुड़े आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए गए। दाश के नाम के दो बैंक लॉकर भी सील कर दिए गए हैं।

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क्या है पूरा मामला?

ईडी के अनुसार, आईटीसीओएल और उसके प्रमोटरों ने 2009 से 2013 के बीच बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह से लगभग 1,396 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। आरोप है कि यह ऋण जाली परियोजना रिपोर्ट और फर्जी कंपनियों के जरिए प्राप्त किया गया था और बाद में इसका गबन कर लिया गया।

जांच से पता चला है कि इस धोखेधड़ी से 59.8 करोड़ रुपये की राशि एएमपीएल के खातों में भेजी गई थी। जांचकर्ताओं का आरोप है कि शक्ति रंजन दाश ने आईटीसीओएल के प्रमोटर राकेश शर्मा को इन पैसों को ओडिशा में खनन गतिविधियों में निवेश करके वैध बनाने में मदद की।

इस मामले में ईडी पहले ही 310 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुकी है, जिसमें से 289 करोड़ रुपये की संपत्ति अप्रैल 2025 में बैंक समूह को वापस कर दी गई थी।

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