मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के निर्देश सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन पर सरकार रोक लगाए

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दिनेश शुक्ल । Feb 29 2020 12:13AM

राज्य सरकार को इससे निपटने के लिए दस दिशा निर्देश भी दिए। हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन तुरंत और तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पॉलिथीन और सिंगल यूज़ प्लास्टिक को रोकने के लिए आम लोगों के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी सुझाव दिए हैं।

भोपाल। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन पर पूरी तरह रोक लगाने के आदेश दिए है। अदालत जनहित याचिका की सुनवाई के बाद राज्य सरकार को सूबे में सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए। साथ ही राज्य सरकार को इससे निपटने के लिए दस दिशा निर्देश भी दिए। हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन तुरंत और तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने पॉलिथीन और सिंगल यूज़ प्लास्टिक को रोकने के लिए आम लोगों के साथ-साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी सुझाव दिए हैं।

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हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता गौरव पांडे ने जनहित याचिका दाखिल की थी। गौरव पाण्डे द्वारा दाखिल य़ाचिका में कहा गया था कि प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन जनता के साथ-साथ पर्यावरण को भी नुकसान पहुँचा रही है तथा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है। इस याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जज राजीव कुमार श्रीवास्तव और शील नागु ने मध्यप्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन पर पूर्णतः प्रतिबंधित करने का आदेश दिया। सामाजिक कार्यकर्ता गौरव पांडे की हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने पैरवी की थी।

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अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने बताया कि ये पहला मौका है जब जनहित याचिका की सुनवाई में किसी प्रदेश की हाईकोर्ट ने सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हो। उन्होनें बताया कि हाईकोर्ट ने कहा है कि आदेश का पालन तुरंत और तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। कोर्ट ने पॉलिथीन और सिंगल यूज़ प्लास्टिक को रोकने के लिए आम नागरिकों के साथ साथ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी सुझाव दिए हैं।

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कोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा है कि शासन द्वारा स्कूल तथा कॉलेजों को निर्देशित किया जाए कि सिंगल यूज प्लास्टिक एवं पॉलीथिन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाएं। शासन तथा अपने उपक्रम उद्योगों को निर्देशित करें किसी भी तरह से पॉलीथिन और सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन ना करें साथ ही स्टॉक और डिस्ट्रीब्यूशन भी ना होने पाए। शासन छोटे-छोटे लघु उद्योग स्थापित करें जो कि सिंगल यूज प्लास्टिक एवं पॉलीथिन के विकल्प के रूप में जूट कागज अथवा कपड़े की थैली एवं थैले बनाएं और उनकी कीमत आम जनता को ध्यान में रखकर न्यूनतम तय की जाए।

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वही शासन सभी शहरों के बाहर शुद्ध पानी के लिए प्लांट स्थापित करें ताकि पानी के लिए यूज प्लास्टिक और सिंगल यूज़ बोतल पर रोक लगाई जा सके। सिंगल यूज प्लास्टिक को क्रूस करने एवं रिसाइक्लिंग के लिए जगह-जगह शासन मशीनें स्थापित करे। प्लास्टिक कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र प्रदेश में जगह-जगह स्थापित किए जाएं। कोर्ट ने निर्देशित किया कि सभी हितग्राही अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार के माध्यम से संबंधित जिले के कलेक्टर को भेजें और आदेश का पालन सुनिश्चित कराएं। आदेश के पालन में कोई कठिनाई उत्पन्न हो रही है या आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है तो मामले को पुनः तुरंत हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए लिस्टेड किया जाए। 

 

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