महंत बालकनाथ: बचपन में ही हुआ आध्यात्म की तरफ झुकाव, आज अलवर से सांसद हैं

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अंकित सिंह । Apr 15 2022 10:35PM

अरवल जिले के बहरोड़ तहसील के कोहराना गांव में 16 अप्रैल 1984 को एक किसान परिवार में बालक नाथ का जन्म हुआ था। उनके पिता सुभाष यादव थे जबकि मां का नाम उर्मिला देवी था। जानकारी के मुताबिक साडे 6 साल की ही छोटी सी उम्र में बालक नाथ ने संन्यास ले लिया और अपना घर छोड़कर आश्रम चलेगा।

देश में देखें तो समय-समय पर कई साधु-संतों ने राजनीति का रुख किया है और उसमें सफल भी हुए हैं। वर्तमान में भी योगी आदित्यनाथ, साक्षी महाराज, उमा भारती जैसे महंत और साधु हैं जिन्होंने राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल किया है। ऐसे ही एक योगी हैं महंत बालक नाथ। वर्तमान में महंत बालक नाथ भाजपा के सांसद हैं। वह राजस्थान के अलवर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। अरवल जिले के बहरोड़ तहसील के कोहराना गांव में 16 अप्रैल 1984 को एक किसान परिवार में बालक नाथ का जन्म हुआ था। उनके पिता सुभाष यादव थे जबकि मां का नाम उर्मिला देवी था। जानकारी के मुताबिक साडे 6 साल की ही छोटी सी उम्र में बालक नाथ ने संन्यास ले लिया और अपना घर छोड़कर आश्रम चलेगा।

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बालक नाथ का परिवार पढ़ा लिखा था। उनके दोनों चाचा डॉक्टर हैं। हालांकि बालकनाथ का बचपन से ही झुकाव आध्यात्म की तरफ था। 13 वर्ष की उम्र में इनकी मुलाकात नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े महेंद्र महंत अवैद्यनाथ से हुई थी। बालक नाथ को योगी आदित्यनाथ का भी बेहद करीबी माना जाता है। 29 जुलाई 2016 को बालक नाथ को योगी आदित्यनाथ और योग गुरु बाबा रामदेव के उपस्थिति में अस्थल बोहर का आठवां उत्तराधिकारी घोषित किया गया था। बाद में महंत चांददास के ब्रह्मलीन हो जाने के बाद बालक नाथ ने अस्थल बोहर के मठाधीश के रूप में नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े मठ का दायित्व संभाला।

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बालक नाथ बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें राजस्थान के अलवर सीट से टिकट दिया। उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को लगभग 300000 वोटों से हराया। बालक नाथ को 760201 वोट मिले थे जबकि भंवर जितेंद्र सिंह को 430230 वोट मिले थे। बालक नाथ राजनीति में स्वच्छ छवि के लिए जाने जाते हैं। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी वे काफी सक्रिय थे और पार्टी के लिए विभिन्न हिस्सों में जाकर प्रचार करते हैं।

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