बाघंबरी मठ के लिए महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत का क्या अर्थ है?

Mahant narendra giri suspicious death

महंत नरेंद्र गिरि ने वर्ष 2004 में तत्कालीन प्रयागराज बाघंबरी मठ के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। बाघंबरी मठ देश के 13 प्रमुख मठों में से एक है।पुलिस ने महंत के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है जिसमें महंत ने अपने शिष्य आनंद गिरि पर उन्हें परेशान करने के आरोप लगाए हैं।

हाल ही में यूपी के प्रयागराज में महंत नरेंद्र गिरि की आत्महत्या के बाद मौत के बाद से सनसनी मच गई है। अखाड़ा परिषद के 75 वर्षीय महंत नरेंद्र गिरि का शव 20 सितंबर की शाम को संदिग्ध परिस्थितियों में उनके कमरे में लटका हुआ पाया गया था। गिरी प्रयागराज के अलापुर इलाके में बाघंबरी मठ में रहते थे और संगम में बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य प्रशासक थे।पुलिस ने महंत के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है जिसमें महंत ने अपने शिष्य आनंद गिरि पर उन्हें परेशान करने के आरोप लगाए हैं। बता दें कि आनंद गिरि को नरेंद्र गिरी का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया था लेकिन गुरु के साथ विवादों के चलते उन्हें हटा दिया गया था। महंत नरेंद्र गिरि ने वर्ष 2004 में तत्कालीन प्रयागराज बाघंबरी मठ के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था। 

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बाघंबरी मठ देश के 13 प्रमुख मठों में से एक है। गिरी सभी 13 मठ का प्रतिनिधित्व करने वाले अखाड़ा परिषद के प्रमुख थे। प्रयागराज का यह बाघंबरी मठ देश के विभिन्न हिस्सों में 3 दर्जन से अधिक धार्मिक स्थलों का संचालन करता है। कथित तौर पर महंत के निधन की बात की जाए तो यह मठ के भीतर उनके शिष्य आनंद गिरि के साथ विवादों के कारण हुआ है। करीब 20 साल पहले आनंद,नरेंद्र गिरी के शिष्य बने थे।। दो महिला शिष्यो द्वारा उनके खिलाफ अभद्र तथा मारपीट की शिकायत किए जाने के बाद 2019 में आनंद गिरि को ऑस्ट्रेलिया में गिरफ्तार किया था।

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वहीं मठ और मंदिर की भूमि पर नियंत्रण को लेकर विवादों के चलते इस साल 13 मई को नरेंद्र गिरी ने आनंद गिरि को बाघंबरी मठ और अखाड़ा परिषद से निष्कासित कर दिया था और आनंद गिरि ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र भेजकर नरेंद्र गिरी के खिलाफ धोखाधड़ी की गंभीर आरोप लगाए थे और साथ ही उच्च स्तरीय जांच की मांग भी की थी। अब संदिग्ध परिस्थितियों में महंत की मौत के बाद सवाल ये उठता है कि मठ के अगले अध्यक्ष के रूप में कौन पदभार संभाल लेगा?

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गिरी हमेशा से ही अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते थे। बीते महीने ही उन्होंने प्रसिद्ध उर्दू कवि मुनव्वर राणा को अफगानिस्तान में रहने के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री चुने गए तो वे यूपी छोड़ देंगे। नरेंद्र गिरी अपने राजनीतिक संबंधों के लिए भी जाने जाते थे। 2017 तक गिरी के सपा सरकार के साथ अच्छे संबंध थे लेकिन जैसे ही राज्य में भाजपा की सरकार आई तो महंत ने योगी आदित्यनाथ के साथ गठबंधन बना लिया था।प्रयागराज में एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि आनंद गिरि के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जा चुका है। वहीं जांच के दौरान सपा के पूर्व विधायक महेश नारायण सिंह का नाम भी सामने आया है और साथ ही हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आधा तिवारी और उनके बड़े बेटे संदीप तिवारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है क्योंकि सुसाइड नोट में इन दोनों का नाम भी शामिल था।प्रयागराज के पुलिस महा निरीक्षक के पी सिंह ने कहा कि जांच में सभी मुख्य बिंदुओं को शामिल किया गया है। पुलिस जल्द ही मामले की तह तक जाएगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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