यूपी की राजनीति में एक बड़ा नाम आजम खान, अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे है, जानिए क्या हैं मौजूदा स्थिति

आजम खान, जो कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में ताकत और प्रभाव का प्रतीक थे, अब आर्थिक और राजनीतिक संकट में हैं। जौहर यूनिवर्सिटी प्रशासन के नियंत्रण में है और उनके ऊपर दर्ज आपराधिक मामलों के कारण चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा है। पिछले 50 महीनों में उनकी लगभग 600 करोड़ रुपये की संपत्ति सरकारी कार्रवाई और विवादों में चली गई।
कभी उत्तर प्रदेश की राजनीति में ताकत और प्रभाव का दूसरा नाम रहे आजम खान आज आर्थिक और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर बेहद कमजोर स्थिति में पहुंच चुके हैं। रामपुर से लेकर लखनऊ तक उनकी सियासी जमीन अब लगभग खाली हो चुकी है, जबकि उनकी ज्यादातर संपत्तियां विवादों, कानूनी कार्रवाई और सरकारी जब्ती के चलते हाथ से निकल चुकी हैं।
करीब 50 महीनों में आजम खान ने लगभग 600 करोड़ रुपये की संपत्ति गंवा दी है। उनका सपना माना जाने वाला जौहर यूनिवर्सिटी अब प्रशासन के नियंत्रण में है। यूनिवर्सिटी की करीब 13 हेक्टेयर जमीन शत्रु संपत्ति घोषित की जा चुकी है, कई भवनों को सील कर दिया गया है और कुछ की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। इस विश्वविद्यालय पर लगभग 30 मुकदमे दर्ज हैं, और मामला अब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। प्रशासन द्वारा संपत्ति का सीमांकन और जियो-टैगिंग की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है।
2022 के चुनावी हलफनामे के अनुसार, आजम खान के पास अब सिर्फ 35 हजार रुपये नकद और लगभग 2 करोड़ 30 लाख रुपये बैंक खातों में बचे हैं, जिनमें से कुछ उनकी संस्थाओं के नाम पर हैं। चल संपत्ति के रूप में उनके पास एक वॉल्वो कार, पत्नी के नाम पर एक क्वालिस, कुछ जेवर, हथियार और सीमित कृषि एवं गैर-कृषि भूमि ही रह गई है। पिछले कुछ वर्षों में उनकी आय में भारी गिरावट आई। एक न्यूज संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक 2016-17 से 2022 तक सालाना आय 10 लाख से भी कम रही, जो पहले करोड़ों में होती थी।
बता दें कि योगी सरकार के कार्यकाल में आजम खान पर 111 आपराधिक मामले दर्ज हुए, जिनमें से बड़ी संख्या जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। पिछले आठ सालों में उन्होंने लगभग 50 महीने जेल में बिताए हैं। पहली बार 27 महीने, दूसरी बार 23 महीने, यानी पिछले 8 साल में आधा समय जेल में गुजरा। भ्रष्टाचार, जालसाजी, जमीन कब्जे और शत्रु संपत्ति जैसे मामलों के कारण कोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
कभी समाजवादी राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरे रहे आजम खान अब मुकदमों, जांचों और कानूनी उलझनों में फंसे हैं। रामपुर, जिसे उन्होंने दशकों तक अपना गढ़ बनाए रखा, अब धीरे-धीरे उनसे दूर हो गया है। राजनीतिक तौर पर हाशिए पर पहुंचे आजम खान के पास अब कुछ करोड़ की संपत्ति और लंबी कानूनी लड़ाई ही बची है।
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