PF की ब्याज दरों में कटौती पर ममता का मोदी सरकार पर तंज, बोलीं- गिफ्ट कार्ड लेकर आई BJP

केंद्र के इस फैसले को ममता बनर्जी ने जन विरोधी और मजदूर विरोधी बताया है। इसको लेकर ममता बनर्जी ने एक ट्वीट भी किया है। अपने ट्वीट में ममता बनर्जी ने लिखा कि उत्तर प्रदेश में जीत के बाद भाजपा सरकार तुरंत अपना गिफ्ट कार्ड लेकर आई है। केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को पिछले चार दशक के सबसे नीचे स्तर पर पहुंचा दिया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भविष्य निधि (ईपीएफ) जमा पर ब्याज दर घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है। इसको लेकर अप राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष केंद्र सरकार पर सवाल खड़े कर रहा है। इन सब के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। ममता बनर्जी ने मोदी सरकार की भी आलोचना की है। केंद्र के इस फैसले को ममता बनर्जी ने जन विरोधी और मजदूर विरोधी बताया है। इसको लेकर ममता बनर्जी ने एक ट्वीट भी किया है। अपने ट्वीट में ममता बनर्जी ने लिखा कि उत्तर प्रदेश में जीत के बाद भाजपा सरकार तुरंत अपना गिफ्ट कार्ड लेकर आई है। केंद्र सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को पिछले चार दशक के सबसे नीचे स्तर पर पहुंचा दिया है।
ममता ने आगे कहा कि यह प्रस्ताव भाजपा के असली चेहरे को बेनकाब करती है। यह प्रस्ताव उस समय आया है जब देश के मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के कामकाज और कर्मचारी पहले ही कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक परेशानी से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जन-विरोधी, मजदूर-विरोधी कदम वर्तमान केंद्रीय प्रतिष्ठान की क्रूर एकतरफा सार्वजनिक नीतियों को उजागर करता है जो किसानों, श्रमिकों और मध्यम वर्गों की कीमत पर बड़ी पूंजी के हितों की रक्षा करता है। एकजुट विरोध से काली पहल को विफल किया जाना चाहिए।After the vote victory in UP, BJP government comes out with its gift card immediately! It at once unmasks itself by proposing to slash the interest rate on Employees' Provident Fund deposits to a four- decade low nadir. (1/3)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) March 13, 2022
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इससे पहले ईपीएफ पर ब्याज दर सबसे कम 8 फीसदी 1977-78 में थी। ईपीएफओ के देश में करीब पांच करोड़ सदस्य हैं। ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की शनिवार को बैठक हुई जिसमें 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.1 फीसदी रखने का फैसला लिया गया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.5 रखने का निर्णय मार्च 2021 में लिया था। इसे अक्टूबर 2021 में वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दी थी। अब सीबीटी के हालिया फैसले के बाद 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर की सूचना वित्त मंत्रालय को अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी।
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