Excise Policy से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मनीष सिसोदिया ने दायर की जमानत याचिका, कहा- आपत्तिजनक साक्ष्य नहीं मिला

प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में मौजूद दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया हैं ने मंगलवार को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी जमानत याचिका दायर की। दिल्ली की अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ईडी को नोटिस जारी किया है। केंद्रीय एजेंसी ने नौ मार्च को तिहाड़ जेल में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था, जहां उन्हें सीबीआई द्वारा जांच की गई आबकारी नीति मामले के सिलसिले में रखा गया था।
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ईडी के अनुसार मनीष सिसोदिया दिल्ली शराब नीति मामले में "जांच को बाधित करने के लिए बड़े पैमाने पर डिजिटल सबूतों को नष्ट करने" में शामिल थे और उन्होंने 14 फोन बदले और नष्ट कर दिए थे। इससे पहले केंद्रीय एजेंसी ने अदालत को बताया कि सिसोदिया "वास्तव में अपराध की आय के अधिग्रहण, कब्जे और उपयोग से जुड़ी गतिविधि में शामिल थे" और "इसलिए मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध के दोषी हैं"।
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मनीष के वकील दयान कृष्णन ने अपनी दलील शुरू की है. उन्होंने राउज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि मनीष का मोबाइल फोन सीज हो चुका है। दूसरे फोन को लेकर हम पहले ही जवाब दे चुके हैं। हमारी कोर्ट से अपील है कि अब मनीष की जमानत पर रिहाई का आदेश दिया जाए।
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