मोदी सरकार की विदेश नीति पर मनमोहन सिंह ने उठाए सवाल, MEA ने कहा- वह एक राजनीतिक बयान था

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के द्वारा भारत के विदेश नीति के संदर्भ में दिए गए बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि वह एक राजनीतिक बयान था न कि किसी नीति के तहत दिया गया बयान है। जहां तक चीन की बात है तो सारी चीज़ें साफ हैं कि कैसे स्थिति उत्पन्न हुईं।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनमोहन सिंह आज पहली बार पंजाब में हो रहे विधानसभा चुनाव के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया। कुल मिलाकर देखें तो मनमोहन सिंह वीडियो संदेश के जरिए मोदी सरकार पर कई सवाल उठाए। इसी वीडियो संदेश में मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाया और कहा कि विदेश नीति के बारे में यह सरकार पूरी तरह से असफल साबित हुई है। साथ ही साथ मनमोहन सिंह ने आरोप लगाया कि चीनी सेना पिछले 1 साल से पवित्र धरती पर कब्जा जमाए हुए हैं लेकिन इस मामले को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी को लेकर अब विदेश मंत्रालय की ओर से बयान सामने आया है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के द्वारा भारत के विदेश नीति के संदर्भ में दिए गए बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि वह एक राजनीतिक बयान था न कि किसी नीति के तहत दिया गया बयान है। जहां तक चीन की बात है तो सारी चीज़ें साफ हैं कि कैसे स्थिति उत्पन्न हुईं। आपको बता दें कि 2020 में भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में टकराव की स्थिति पैदा हुई थी। उसके बाद से दोनों देशों के रिश्ते में खटास देखने को मिला है। कांग्रेस चीन के बहाने लगातार भारत सरकार पर निशाना साधती है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करती है।वह एक राजनीतिक बयान था न कि किसी नीति के तहत दिया गया बयान। जहां तक चीन की बात है तो सारी चीज़ें साफ हैं कि कैसे स्थिति उत्पन्न हुईं: पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के द्वारा भारत के विदेश नीति के संदर्भ में दिए गए बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची pic.twitter.com/Wm5BT4TKlx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 17, 2022
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मनमोहन सिंह ने कहा कि पड़ोसी देशों के साथ भी हमारे संबंध खराब हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को देश के संविधान पर भरोसा नहीं है और ‘‘संस्थाओं को लगातार कमजोर किया जा रहा है।’’ सिंह ने कहा, ‘‘देश एक ओर महंगाई और बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहा है, तो दूसरी ओर पिछले साढ़े सात साल से सत्ता पर काबिज मौजूदा सरकार अपनी गलतियां स्वीकार करने और उनमें सुधार करने के बजाय, लोगों की समस्याओं के लिए अब भी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दोषी ठहरा रही है।’’
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पूर्व प्रधानमंत्री ने पिछले महीने फिरोजपुर में एक पुल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला फंस जाने संबंधी सुरक्षा चूक का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री की सुरक्षा के नाम पर (पंजाब के) मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और राज्य के लोगों को बदनाम करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान भी पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने का प्रयास किया गया। सिंह ने कहा कि दुनिया पंजाब के लोगों की बहादुरी, देशभक्ति और बलिदान को सलाम करती है, लेकिन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार इन सब के बारे में बात नहीं करती। उन्होंने कहा कि पंजाब से संबंध रखने वाले एक सच्चा भारतीय होने के नाते, ये सभी बातें मुझे बहुत दुखी करती हैं।
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