कश्मीर के विकास की नई ऊंचाइयों को पार करने वाले PM के सपने को साकार करने में जुटे मनोज सिन्हा, जाते ही लगा दी बैठकों की झड़ी
उपराज्यपाल पद पर मनोज सिन्हा की नियुक्ति हुई तो उनके सामने विकास की गाड़ी को रफ्तार देना, पाॅलिटिकल वैक्युम को भरना और आतंकवाद पर नकेल कसने जैसी चुनौतियां मुंह बाए खड़ी थी। अपनी नियुक्ति के बाद से ही सिन्हा ने न सिर्फ अधिकारियों संग बैठकों का दौर शुरू किया बल्कि समीक्षा बैठकों की भी झड़ी सी लगा दी।
अनुच्छेद-370 की समाप्ति का एक साल पूरा होते ही उपराज्यपाल (एलजी) गिरीश चंद्र मुर्मू के इस्तीफे के बाद 61 वर्षीय पूर्व केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का नया उपराज्यपाल बनाया गया। मुर्मू के अचानक इस्तीफे ने जितना हैरान किया था, उतना ही मनोज सिन्हा की नियुक्ति ने सभी को चौंकाया। मनोज सिन्हा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता है। जब उपराज्यपाल पद पर मनोज सिन्हा की नियुक्ति हुई तो उनके सामने विकास की गाड़ी को रफ्तार देना, पाॅलिटिकल वैक्युम को भरना और आतंकवाद पर नकेल कसने जैसी चुनौतियां मुंह बाए खड़ी थी। अपनी नियुक्ति के बाद से ही सिन्हा ने न सिर्फ अधिकारियों संग बैठकों का दौर शुरू किया बल्कि विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं और समीक्षा बैठकों की भी झड़ी सी लगा दी।
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जेट्टी ब्रिज के लिए 21 करोड़ की धनराशि स्वीकृत
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बारामूला का दौरा करते हुए लंबे समय से लंबित जेट्टी ब्रिज को पूरा करने के लिए जेकेआईडीएफसी के तहत 21 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की। इसके साथ ही उपराज्यपाल ने बारामूला में विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया।
उधमपुर-बारामुला-रेल लिंक काम की समीक्षा
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने उधमपुर-बारामुला-रेल लिंक काम की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अगस्त 2022 तक परियोजना को समय से पहले पूरा करने का निर्देश भी दिया।
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जम्मू रिंग रोड
सुरक्षा के लिहाज से अति महत्वपूर्ण जम्मू रिंग रोड के पहले चरण का काम पूरा हो गया है। पहले चरण में यह रिंग रोड जम्मू के अखनूर से कोट भलवाल को जुड़ेगा, जिसका उद्घाटन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने किया। इस रोड के बनने से आम जनता के साथ सैन्य बलों को भी काफी मदद मिलेगी। आम जनता के साथ सुरक्षा बलों को भी होगा फायदा। इस रिंग रोड के पूरा होने पर बिना जम्मू शहर में आए श्रीनगर, कुंज, उधमपुर सहित जम्मू के अन्य इलाकों में पहुंचा जा सकता है। वहीं, इस रिंग रोड के पूरा होने पर जम्मू के अग्रिम चौकियों पर तैनात बीएसएफ और सेना के जवानों तक पहुंचना भी आसान हो जाएगा।
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