मानसिक स्वास्थ्य के बारे में समाज में और अधिक जागरूकता फैलानी चाहिए: मांडविया

Mansukh

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कार्यक्रम पांच से 10 अक्टूबर तक आयोजित ‘मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह’ के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दिल्ली के हंसराज कॉलेज, के साथ साझेदारी में मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया।

नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि मानसिक स्वास्थ्य समग्र स्वास्थ्य का एक अनिवार्य घटक है और समाज में इसके बारे में और अधिक जागरूकता फैलानी चाहिए। मांडविया ने यहां एक कार्यक्रम में ‘ग्रीन रिबन’ पहल की शुरुआत करते हुए लोगों को भारत में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को सक्रिय रूप से उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

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केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह कार्यक्रम पांच से 10 अक्टूबर तक आयोजित ‘मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह’ के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दिल्ली के हंसराज कॉलेज, के साथ साझेदारी में मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया। दस अक्टूबर को दुनिया भर में ‘विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर मांडविया ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हरे रंग के रिबन बांटे और कहा, ‘‘यह हरे रंग का रिबन मानसिक स्वास्थ्य का प्रतीक है। हमें अपने समाज में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने की जरूरत है।’’ उ

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न्होंने हंसराज कॉलेज के छात्रों से अपने साथियों और समुदाय में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रगति के लिए सभी प्रकार का स्वास्थ्य और सेहत आवश्यक है। उन्होंने कहा, ‘‘स्वस्थ व्यक्तियों के बिना एक स्वस्थ परिवार, एक स्वस्थ समाज और एक स्वस्थ राष्ट्र नहीं होगा। खराब स्वास्थ्य, चाहे शारीरिक हो या मानसिक, खराब उत्पादकता की ओर ले जाता है जिससे राष्ट्रों की वृद्धि और उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दस में से, तीन छात्र मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से पीड़ित हैं, हमारे 14 प्रतिशत बच्चे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने शिक्षकों को इस तरह से प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है कि वे बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का आसानी से पता लगा सकें।’’ उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को पहचानना, स्वीकार करना, उनका निदान करना और उनका इलाज करना महत्वपूर्ण है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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