मतुआ समुदाय ने राहुल गांधी से मुलाकात की, नागरिकता की मांग पर कांग्रेस से समर्थन मांगा: अधीर

मतुआ समुदाय के पास मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड और राशन कार्ड हैं, फिर भी समुदाय के सदस्य ‘‘कानूनी नागरिकता’’ की मांग कर रहे हैं क्योंकि ये दस्तावेज़ इसके प्रमाण के तौर पर पर्याप्त नहीं हैं।
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मतुआ समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले हफ्ते बिहार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और नागरिकता की अपनी अरसे से लंबित मांग के लिए पार्टी से समर्थन मांगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर चौधरी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि बिहार में वोटर अधिकार यात्रा का नेतृत्व कर रहे गांधी ने उनसे दिल्ली आने को कहा, जहां इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हो सकती है। मतुआ समुदाय हिंदुओं का एक कमजोर वर्ग है, जो विभाजन के दौरान और बांग्लादेश के निर्माण के बाद धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत आ गया था।
इस अनुसूचित जाति समुदाय का राज्य के कई निर्वाचन क्षेत्रों में खासा प्रभाव है। राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों में मतुआ समुदाय के विधायक हैं।
चौधरी ने कहा, ‘‘राहुल जी ने शनिवार को बिहार के सारण जिले के एकमा में मतुआ समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने उन्हें दिल्ली आने को कहा, जहां वह नागरिकता की उनकी मांग पर विस्तार से उनकी बात सुनेंगे।’’
मतुआ समुदाय के पास मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड और राशन कार्ड हैं, फिर भी समुदाय के सदस्य ‘‘कानूनी नागरिकता’’ की मांग कर रहे हैं क्योंकि ये दस्तावेज़ इसके प्रमाण के तौर पर पर्याप्त नहीं हैं।
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