जम्मू-कश्मीर के मौलवी फारुख ने की द कश्मीर फाइल्स को बैन करने की मांग, बोले- 32 सालों में मुसलमानों का खून नजर नहीं आया

The Kashmir Files

कश्मीर फाइल्स पर बोलते हुए उन्होंने कहा 32 साल बाद उन्हें कश्मीरी पंडितों का खून नजर आया। लेकिन इन 32 सालों में कितने मुसलमान मारे गए, औरतें विधवा हो गईं, लेकिन उन्हें कश्मीरी मुसलमानों का खून नजर नहीं आया, उनका कहीं जिक्र नहीं है।

द कश्मीर फाइल्स जबसे रिलीज हुई है तब से इस फिल्म पर लगातार विवाद हो रहा है। इस फिल्म का मुद्दा संसद में भी उठा, इस फिल्म पर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के नेताओं तक के बयान आए। अभी भी इस फिल्म के पक्ष और विपक्ष में लगातार बयानबाजी की जा रही है। इसी कड़ी में एक नया बयान जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के जामा मस्जिद के मौलवी फारुख ने दिया है। उन्होंने इस फिल्म को बैन करने की मांग की है।

मस्जिद के अंदर दिए गए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कश्मीरी मुसलमानों के दुख दर्द को भुला दिया गया। हजारों मुसलमान भी मारे गए थे। लेकिन उन पर बात कही नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा यह फिल्म समाज को बांटने के लिए बनाई गई है। मौलवी फारुख ने आगे कहा कि हमने 800 साल शासन किया है। इन लोगों ने 70 साल किया, हमारी पहचान को मिटाना मुमकिन नहीं है।

कश्मीर फाइल्स पर बोलते हुए उन्होंने कहा 32 साल बाद उन्हें कश्मीरी पंडितों का खून नजर आया। लेकिन इन 32 सालों में कितने मुसलमान मारे गए, औरतें विधवा हो गईं, लेकिन उन्हें कश्मीरी मुसलमानों का खून नजर नहीं आया, उनका कहीं जिक्र नहीं है।

आपको बताते चलें कि द कश्मीर फाइल्स में 90 के दशक में घाटी में पंडितों के साथ हुए अत्याचार और उनके वहां से पलायन को दिखाया गया है। इस फिल्म को देखने की अपील प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं। इस फिल्म पर चल रहे विवादों के बावजूद यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रही है। फिल्म दो हफ्तों में 200 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है।

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