दिल्लीवालों की सेहत के लिए MCD का बड़ा कदम, डेंगू-मलेरिया से निपटने को 3 अस्पताल अलर्ट

डेंगू से प्रभावी ढंग से निपटने और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए, दिल्ली एमसीडी ने हिंदू राव, स्वामी दयानंद और कस्तूरबा अस्पतालों को 'प्रहरी निगरानी अस्पताल' घोषित किया है। इन अस्पतालों में कुल 167 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं, साथ ही दवाएं, प्लेटलेट्स और चौबीसों घंटे डॉक्टरों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। एमसीडी हैजा से बचाव के लिए भी तरल क्लोरीन और ओआरएस पैकेट वितरित कर रही है, जिससे बहु-आयामी स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
डेंगू दुनिया भर के कई देशों में एक आम बीमारी है, जिनमें अमेरिका, अफ्रीका, मध्य पूर्व, एशिया और प्रशांत द्वीप समूह शामिल हैं। दुनिया की लगभग आधी आबादी, यानी लगभग 4 अरब लोग, डेंगू के जोखिम वाले क्षेत्रों में रहते हैं। जोखिम वाले क्षेत्रों में डेंगू अक्सर ज्वर संबंधी बीमारियों का एक प्रमुख कारण होता है। इन क्षेत्रों में डेंगू के प्रकोप की खबरें अक्सर आती रहती हैं।
दिल्ली नगर निगम ने डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मद्देनजर तीन अस्पतालों को प्रहरी निगरानी केंद्र के रूप में नामित किया है तथा इन बीमारियों के मामलों में इस मौसम में वृद्धि को रोकने के लिए उपाय तेज कर दिये हैं। रविवार को, स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने घोषणा की कि हिंदू राव अस्पताल, स्वामी दयानंद अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल में जरूरी इंतजाम कर उन्हें ‘प्रहरी निगरानी अस्पतालों’ का दर्जा दिया गया है। इन अस्पतालों में मामलों में अपेक्षित वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए समर्पित बिस्तर और विशेष संसाधन उपलब्ध होंगे।
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शर्मा ने बताया कि हिंदू राव अस्पताल में 70, स्वामी दयानंद अस्पताल में 22 और कस्तूरबा अस्पताल में 75 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दवाओं, अंतःशिरा द्रव्यों और प्लेटलेट समेत सभी आवश्यक चिकित्सा जरूरतें पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी गयी हैं। समय पर देखभाल प्रदान करने के लिए डॉक्टरों, नर्सों और तकनीकी कर्मचारियों की चौबीसों घंटे उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।’’
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इस बीच, शहर के कुछ इलाकों में हैजा के बढ़ते मामलों को देखते हुए, एमसीडी ने असुरक्षित पेयजल वाले इलाकों में विशेष अभियान शुरू किए हैं। संक्रमण और निर्जलीकरण से बचाव के लिए तरल क्लोरीन और ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ओआरएस) के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं।
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