नवरात्रि के मौके पर दक्षिण दिल्ली में बंद हुईं मीट की दुकानें, ओवैसी ने साधा पीएम पर निशाना
दक्षिण दिल्ली में मेयर सुकेश आर्यन के आदेश के बाद मीट की दुकानें बंद कर दी गई हैं। इसको लेकर अब दुकानदारों में नाराजगी है। दरअसल, दक्षिण दिल्ली के मेयर ने कमिश्नर को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि 11 अप्रैल तक नवरात्रि है।
देश में वसंत नवरात्रि मनाया जा रहा है। हालांकि दिल्ली में नवरात्रि को लेकर एक नया सियासी बवाल छिड़ गया है। दरअसल, दक्षिण दिल्ली में मेयर सुकेश आर्यन के आदेश के बाद मीट की दुकानें बंद कर दी गई हैं। इसको लेकर अब दुकानदारों में नाराजगी है। दरअसल, दक्षिण दिल्ली के मेयर ने कमिश्नर को एक पत्र लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि 11 अप्रैल तक नवरात्रि है। इस दौरान लोग मां दुर्गा की उपासना करते हैं और मंदिर जाते हैं। इन दिनों लोग शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं। कुछ लोग तो लहसुन-प्याज का भी इस्तेमाल नहीं करते।
इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा कि मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन वर्जित रहता है। यही कारण है कि खुले में मीट बिकने से श्रद्धालु खुद को असहज महसूस कर रहे हैं और उनके धार्मिक भावनाओं और आस्था पर फर्क भी पड़ रहा है। इसके बाद से उन्होंने आगे बताया कि हमने फैसला लिया है कि दक्षिण एमसीडी में कोई भी मांस की दुकान नहीं खुलेगी। यह फैसला आज से लागू हो गया है। उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। वहीं इससे जुड़े व्यापार में लोगों ने कहा कि यहां करीब 1000 लोग इस कारोबार से जुड़े हैं। दुकानें बंद करने का अचानक निर्देश आया। हमारा दुकानों में लाखों रुपये का सामान रखा है जो तब तक सड़ जाएगा। सरकार को पहले बताना चाहिए था।दिल्ली: SDMC मेयर के आदेश के बाद दक्षिण दिल्ली में मीट की दुकानें बंद हुईं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 5, 2022
दुकान मालिक ने बताया, “यहां करीब 1000 लोग इस कारोबार से जुड़े हैं। दुकानें बंद करने का अचानक निर्देश आया। हमारा दुकानों में लाखों रुपये का सामान रखा है जो तब तक सड़ जाएगा। सरकार को पहले बताना चाहिए था।” pic.twitter.com/Lf5EvHdumd
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ओवैसी का मोदी पर निशाना
दक्षिण दिल्ली नगर निगम के मेयर के इस चिट्ठी के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। अपने ट्वीट में ओवैसी ने लिखा कि मोदी बड़े उद्योगपतियों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और वैचारिक गुर्गों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस चाहते हैं। आय के नुकसान की भरपाई कौन करेगा? मांस अशुद्ध नहीं है, यह सिर्फ लहसुन या प्याज जैसा भोजन है। सिर्फ 99% नहीं। 100% लोगों के पास मांस नहीं खरीदने का विकल्प है यदि वे नहीं चाहते हैं
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