आइये आपको मिलवाते है कांग्रेस के मेनिफेस्टो की रचना करने वाले रचनाकार से...
गोपीनाथ ने घोषणापत्र तैयार करने को लेकर आगे कहा कि, इस बार जनता के सुझावों का भी स्वागत किया है। इस घोषणापत्र को एक सुस्त डॉक्यमेंट से गतिशील और उत्तरदायी में बदल दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि, “पिछले कई सालों से, राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को घोषणापत्र के साथ ज्यादा जुड़ाव नहीं हो पाया है।
83 साल के मंगलम गोपीनाथ एक ऐसे शख्स है जो ब्रिटिश भारत में 1937 के भारतीय प्रांतीय चुनावों के बाद से ही कांग्रेस के सभी घोषणापत्रों का कर्तव्यनिष्ठा से संग्रह कर रहे है। आपको बता दें कि मंगलम गोपीनाथ शनिवार को जारी यूडीएफ घोषणापत्र का मूल्यांकन करने वाले सबसे योग्य व्यक्ति हो सकते हैं। टीओआई की एक खबर के मुताबिक, मंजेरी में स्थित एक स्थानीय कांग्रेस नेता गोपीनाथ, हर नए घोषणापत्र को धार्मिक मानते हैं।
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इस बार, जब वे घोषणापत्र के प्रारूपण के लिए जनता से सुझाव मांगने के लिए बातचीत के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में मलप्पुरम आए तब गोपीनाथ ने यूडीएफ घोषणापत्र समिति के सदस्यों के साथ अपने सुझाव साझा किए, जिसमें सांसद शशि थरूर और डॉ। एम के मुनीर भी शामिल थे। गोपीनाथ ने नेताओं से कहा कि, ऐसे कई अधूरे वादे हैं जिन्हें नए घोषणापत्र में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि, मुझे लगता है कि नया यूडीएफ घोषणापत्र आगे बढ़ रहा है और इसमें समाज कल्याण और विकास की योजनाओं का सही मिश्रण है, जिसमें NYAY योजना और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण की योजनाएं शामिल हैं।
गोपीनाथ ने घोषणापत्र तैयार करने को लेकर आगे कहा कि, इस बार जनता के सुझावों का भी स्वागत किया है। इस घोषणापत्र को एक सुस्त डॉक्यमेंट से गतिशील और उत्तरदायी में बदल दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि, “पिछले कई सालों से, राज्य में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को घोषणापत्र के साथ ज्यादा जुड़ाव नहीं हो पाया है। गोपीनाथ ने कहा कि 2019 के संसदीय चुनावों के पार्टी घोषणा पत्र की प्रिटिंग कॉपीस भी केपीसीसी कार्यालय में उपलब्ध नहीं थीं और मुझे एआईसीसी के महासचिव के सी वेणुगोपाल से संपर्क करने के बाद वह मिली थी।
16 साल की उम्र से गोपीनाथ की Manifesto's को लेकर बढ़ी दिलचस्पी
घोषणापत्र के साथ गोपीनाथ का लगाव 16 साल की उम्र में शुरू हुआ जब उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के रूप में चुनाव अभियानों के दौरान भाषण तैयार करने के लिए घोषणापत्र एकत्र करना शुरू किया था। आपको बता दें कि उन समयों में, पार्टी घोषणापत्र यह जानने का एकमात्र स्रोत था कि सत्ता में मतदान होने पर पार्टियां क्या वितरित करेंगी। गोपीनाथ ने कहा, कि उस वक्त हमें हर डॉक्युमेंट को काफी सावधानीपूर्वक पढ़ना और उसे चुनाव अभियान भाषणों के लिए प्रमुख हिस्सा बनाना होता था, लेकिन अब KIIFB, लाइफ मिशन, सोने की तस्करी, आदि जैसे विवादी मुद्दे अब अभियान का मुख्य बिंदू बन गए हैं। टीओआई की एक खबर के मुताबिक गोपीनाथ ने कांग्रेस के सभी घोषणापत्रों के अलावा, घोषणापत्रों को इकट्ठा करने और उन पर नज़र रखने की अपनी आदत जारी रखी है, जिसमें वामपंथी दलों और भाजपा सहित 100 से अधिक घोषणापत्र शामिल हैं।
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