कहीं निर्विरोध चुने गए सदस्य, कहीं फंसा है पेंच, जानें राज्यसभा चुनाव का पूरा प्रोसेस

rajya sabha
अभिनय आकाश । Mar 19 2020 1:49PM

राज्यसभा संसद का ऊपरी सदन होता है। इसके सदस्यों को जनता के चुने गए प्रतिनिधि यानी विधायक चुनते हैं। अभी राज्यसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं और 26 मार्च की तारीख तय हुई है। इस दिन 17 राज्यों की 55 सीटों के लिए सांसद चुने जाने हैं।

संसद के दो सदन हैं, एक लोकसभा दूसरा राज्यसभा। लोकसभा संसद का निचला सदन होता है। इसके सांसद सीधे जनता के द्वारा चुने जाते हैं। वहीं राज्यसभा संसद का ऊपरी सदन होता है। इसके सदस्यों को जनता के चुने गए प्रतिनिधि यानी विधायक चुनते हैं। अभी राज्यसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं और 26 मार्च की तारीख तय हुई है। इस दिन 17 राज्यों की 55 सीटों के लिए सांसद चुने जाने हैं। सीटों को जीतने के लिए कुछ राज्यों में मची खींचतान और गुणा-गणित जिसने सियासी तापमान को आसमान पर चढ़ा रखा है।

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इस बार चुनाव लड़ रहे लोगों में भी कई बड़े नाम शामिल हैं, जैसे दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शक्ति सिंह गोहिल, शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी, रामदास अठावले, दीपेंद्र सिंह हुड्डा। 

बहरहाल, राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख बीतते ही अधिकतर जगहों पर निर्विरोध राज्यसभा सांसद के रूप में चुन लिए गए। इसमें राज्यसभा के उप सभापति और जेडीयू नेता हरिवंश, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार, टीएमसी नेता दिनेश त्रिवेदी और कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल हैं।

इन राज्यों में निर्विरोध चुने गए सांसद

जिन प्रत्याशियों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है उनमें महाराष्ट्र से सात, तमिलनाडु से छह, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना से दो-दो, ओडिशा से चार, बिहार और बंगाल से पांच-पांच और एक हिमाचल प्रदेश से है। भाजपा के हिस्से में सात सीटें आई हैं। उसकी सहयोगी जदयू को दो (बिहार), अन्नाद्रमुक को दो (तमिलनाडु) और बीपीएफ को एक सीट (असम) मिली है। बीजू जनता दल को ओडिशा में चार और तृणमूल कांग्रेस को बंगाल में चार सीटें मिली हैं। तेलंगाना में टीआरएस को दोनों सीटों पर सफलता मिली है।

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इन राज्यों में फंसा है पेंच

मध्य प्रदेश- मध्य प्रदेश में राज्यसभा के लिए खाली होने वाली 3 सीटों के लिए चुनाव होने हैं लेकिन दोनों सियासी पार्टियाँ इस चुनाव की आड़ लेकर राज्य में सरकार बनाने/बचाने की भी क़वायद में जुटी हुई हैं। राज्य में खाली होने वाली तीन सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए दोनों पार्टियों ने तीन-तीन उम्मीदवारो के नामांकन दाख़िल किये हैं । एक ओर भाजपा  की तरफ से उनक पुराने दुश्मन और नए नवेले दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक सुरक्षित सीट दी गयी है वहीँ बाकी बची दो सीटों पर क्रमशः सुमेर सिंह सोलंकी और श्रीमती रंजना बघेल का नामांकन करवाया है । वहीं दूसरी ओर काँग्रेस पार्टी ने भी चौंकाते हुए तीनो सीट पर अपने तीन प्रत्याशी उतार दिए हैं जिनमे वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पहले नम्बर पर और फूलसिंह बरैया दूसरे तथा तीसरे नम्बर पर श्री रामदास को नामांकन करवाया है।

मध्य प्रदेश के बाद गुजरात में मचे सियासी हड़कंप के बाद वहां पांच विधायकों के इस्तीफा देने से गुजरात में कांग्रेस के लिए राज्यसभा से निकलने वाली दूसरी सीट मुश्किल में पड़ती दिख रही है। ऐसे में प्रदेश कांग्रेस में बाकायदा विचार हुआ कि कांग्रेस वहां सिर्फ एक ही सीट पर लड़े। हालांकि अब कांग्रेस ने तय किया है कि वह दोनों सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 

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राजस्थान- राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटें हैं और इन सीटों पर इस बार निर्विरोध निर्वाचन नहीं बल्कि चुनाव से ही फैसला होगा। दरअसल, बीजेपी की तरफ से ओंकार सिंह लखावत का नाम वापस नहीं लिए जाने के बाद सारे समीकरण बदल गए हैं। अब कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों के दो-दो प्रत्याशी मैदान में हैं। 

झारखंड- झारखंड में राज्‍यसभा की दो सीटों पर 3 प्रत्‍याशी मैदान में हैं। राज्यसभा चुनाव के लिए झामुमो से पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन, भाजपा से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश तथा कांग्रेस से शहजादा अनवर ने नामांकन दाखिल किया है। हालांकि आंकड़े के हिसाब से एक सीट पर झामुमो प्रत्याशी शिबू सोरेन की जीत तय मानी जा रही है। 

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अब आपको थोड़ा राज्यसभा के बारे में बता देते हैं:-

देश में हुए पहले लोकसभा चुनाव के बाद संसद में एक और सदन की जरूरत महसूस हुई। ऐसे में 23 अगस्त 1954 को राज्यसभा के गठन का ऐलान किया गया। राज्यसभा एक स्थाई सदन है और कभी भंग नहीं होता है। इसके सदस्यों का कार्यकाल छह साल का होता है। राज्यसभा में अधिकतम सीटों की संख्या 250 होगी, ये संविधान में तय किया गया है। 12 सदस्य राष्ट्पति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं। ये खेल, कला, संगीत जैसे क्षेत्रों से होते हैं। बाकी के 238 सांसद राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आते हैं। संविधान की अनुसूची चार के मुताबिक किस राज्य में कितनी सीटें होंगी ये उस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की आबादी के आधार पर तय होगा। जैसे उत्तर प्रदेश की आबादी सबसे ज्यादा है तो यहां राज्यसभा की 31 सीटें निर्धारित हैं, जिसके बाद महाराष्ट्र में 19 सीटें और बंगाल, बिहार में क्रमश: 16-16 सीटे हैं। वहीं गोवा, अरूणाचल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम जैसे राज्यों में केवक एक-एक राज्यसभा सीटें हैं। 

कौन देता है वोट

राज्यसभा में विधायक हिस्सा लेते हैं। विधान परिषद के सदस्य यानी एमएलसी राज्यसभा चुनाव में शामिल नहीं होते हैं। 

कैसे पड़ते हैं वोट

राज्यसभा के चुनाव में सभी विधायक प्राथमिकता के आधार पर वोट देता है। निधायक को बताना होता है कि उम्मीदवारों में उसकी पहली पसंद कौन है उसके बाद दूसरी और फिर तीसरी पसंद।  

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