नई शुरुआत की उम्मीद में यूपी से प्रवासी श्रमिक वापस जा रहे हैं महाराष्ट्र

मुंबई जाने वाली रेलगाड़ियां हालांकि अभी पूरी तरह भर कर नहीं जा रही हैं। महाराष्ट्र के ग्रीन जोन में उद्योग शुरू हो गए हैं और वे उन श्रमिकों को वापस बुला रहे हैं जो लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को चले गए थे। महाराष्ट्र पहुंचने वाले श्रमिक 14 दिन घर पर प्रथकवास के बाद अपना कार्य शुरू कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: प्रवासी श्रमिकों के मामले में केंद्र और राज्यों को 15 दिन का वक्त देने का विचार कर रहा न्यायालय
मुंबई जाने वाली रेलगाड़ियां हालांकि अभी पूरी तरह भर कर नहीं जा रही हैं। महाराष्ट्र के ग्रीन जोन में उद्योग शुरू हो गए हैं और वे उन श्रमिकों को वापस बुला रहे हैं जो लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को चले गए थे। महाराष्ट्र पहुंचने वाले श्रमिक 14 दिन घर पर प्रथकवास के बाद अपना कार्य शुरू कर सकते हैं। महाराजगंज के सत्येंद्र कुशवाहा ने रेलवे स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतजार करने के दौरान ‘‘पीटीआई-भाषा’’ को बताया कि वह एक लेमिनेशन कंपनी में काम कर रहे थे। उनका परिवार गांव में रहता है। लॉकडाउन के दौरान वह बेरोजगार हो गए थे और उनकी बचत का पैसा भी कम होने लगा। एक महीने पहले वह अपने गांव पहुंचे थे। सफर पैदल भी तय किया और ट्रक में बैठकर भी।
इसे भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री का दावा, PM ने 130 करोड़ लोगों को कोरोना से बचाया
उन्होंने बताया कि अब उनकी फैक्टरी के मालिक वापस बुला रहे हैं और उनके कौशल के हिसाब से गांव में कोई काम नहीं है इसलिए वह वापस लौट रहे हैं। एक अन्य प्रवासी श्रमिक राम मनोहर गोरखपुर के पिपराइच में रहते हैं। वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ वापस नासिक जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह बैग बनाने वाली कंपनी में काम करते थे और लॉकडाउन के बाद बेरोजगार हो गए थे। एक अन्य श्रमिक सुमित शर्मा गैस कटर मशीन चलाते हैं और पहले मुंबई में काम करते थे। वह 29 दिन पहले मुंबई से देवरिया स्थित गांव पहुंचे थे। उन्हें भी फैक्टरी के मालिक ने वापस बुलाया है।
अन्य न्यूज़












