रेल हादसे में मारे गए प्रवासी श्रमिकों ने मध्य प्रदेश वापस आने के लिए पास मांगे थे: कांग्रेस
महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। भुसावल की ओर पैदल आ रहे ये मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे। वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे।
वहीं, प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट किया, ‘‘ट्रेन हादसे में मारे गए मजदूरों ने लगभग 15 दिन पहले प्रदेश सरकार से पास मांगा था। अगर पास जारी किए गए होते, तो इन 16 जिंदगियों को बचाया जा सकता था। शिवराज जी, ये मौतें जंगल राज का परिणाम है।’’ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्रेन हादसे में घायल हुए एक मजदूर का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया कि मध्य प्रदेश के 16 मजदूर ट्रेन से कुचल कर मर गये। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कल ही शिवराज सिंह चौहान से प्रश्न किया था “क्या इन मज़दूरों का पंजीयन हुआ था? यदि हुआ था तो मध्य प्रदेश सरकार ने क्या इंतज़ाम किया?” हक़ीक़त ख़ुद बचे हुए मज़दूर से सुनिए।’’ संलग्न वीडियो में घायल मजदूर धीरेन्द्र सिंह यह दावा करते सुनाई दे रहा है कि उन्होंने मध्यप्रदेश में अपने संबंधित जिलों में वापसी के लिए आवेदन किया था।मज़दूर के दम से रौनक उनके बंगले में आई है उसी की मौत पर शोक न करने की दे रहे दुहाई है
— Abhay Dubey (@abhaydubey3) May 9, 2020
बेशर्म इतने हैं कि शर्म कोभी लाज आई है
सर्वस्यौषधमस्ति शास्त्रविहितं मूर्खस्य नास्त्यौषधम्।।
शास्त्रों में सभी कष्टों का विधान है
परन्तु मूर्ख व्यक्ति को विद्वान बनाने की कोई औषधि उपलब्ध नहीं https://t.co/8Mn09xfYWC
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सिंह ने इसके बाद ट्वीट किया, ‘‘अब धीरेंद्र सिंह के बयान से साबित हो गया कि मध्य प्रदेश सरकार की लापरवाही एवं अकर्मण्यता के कारण इन मज़दूरों की जान गयी।’’ कांग्रेस के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष और विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा, ‘‘ जब प्रदेश सरकार ने प्रवासी लोगों को वापस लाने की व्यवस्था करने की घोषणा की है तोकांग्रेस को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। प्रवासियों के पंजीयन के बाद प्रदेश सरकार उन्हें परिवहन की व्यवस्था करने के बाद बोर्डिंग के समय और स्थान के बारे में जानकारी के लिए एसएमएस भेज रही है।’’ शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार हर प्रवासी को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में रेल की पटरियों पर सो रहे 16 प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार सुबह एक मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। भुसावल की ओर पैदल आ रहे ये मजदूर मध्य प्रदेश लौट रहे थे। वे रेल की पटरियों के किनारे चल रहे थे और थकान के कारण पटरियों पर ही सो गए थे।
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