ऑपरेशन बालाकोट के लिए इस वजह से इस्तेमाल हुआ मिराज 2000

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[email protected] । Feb 27 2019 11:25AM

फ्रांस में डिजाइन किया गया यह लड़ाकू विमान ध्वनि की गति से दोगुना से भी ज्यादा या माक 2.2 (2336 किलोमीटर प्रति घंटा) की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है।

नयी दिल्ली। सफलता की उच्च दर और लंबी दूरी के ठिकानों पर सटीक निशाना साधने तथा लेजर गाइडेड सहित कई तरह के बम गिराने और मिसाइल दागने की बेहतरीन क्षमता के चलते पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी ठिकाने पर हमले के लिए मिराज-2000 लड़ाकू विमानों के बेड़े का इस्तेमाल किया गया। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। भारत ने करीब 30 साल पहले मिराज लड़ाकू विमानों को वायुसेना में शामिल किया और करीब 20,000 करोड़ रुपए की लागत से इन विमानों को उन्नत किया जा रहा है। बहुद्देशीय और एक इंजन वाले इस विमान में आम तौर पर एक ही लड़ाकू पायलट होता है। इस विमान की मारक क्षमता करीब 1500 किलोमीटर है।

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फ्रांस में डिजाइन किया गया यह लड़ाकू विमान ध्वनि की गति से दोगुना से भी ज्यादा या माक 2.2 (2336 किलोमीटर प्रति घंटा) की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है। यह 59000 फुट (17 किलोमीटर) की ऊंचाई पर उड़ान भरने में भी सक्षम है। भारत के पास सुखोई एसयू30एमकेआई जैसे ज्यादा अत्याधुनिक लड़ाकू विमान हैं, लेकिन रूस में निर्मित लड़ाकू विमान उड़ान भरने के मामले में थोड़ा धीमा है, क्योंकि इसकी अधिकतम रफ्तार 2120 किलोमीटर प्रति घंटा (माक 2) है। यह मिराज की तुलना में ज्यादा भारी भी है। भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि मिराज विमान को इसलिए वरीयता दी गई क्योंकि यह लंबी दूरी के लक्ष्य सटीकता से भेदने में सक्षम है और यह 100 फीसदी सफलता दर से अपने काम को अंजाम दे सकता है।

मिराज-2000 फ्रांस की दसॉल्ट एरोस्पेस कंपनी के लाइसेंस के तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित लड़ाकू विमान है। दसॉल्ट जल्द ही भारत को राफेल लड़ाकू विमान बेचने वाला है। मिराज स्क्वाड्रन ग्वालियर में स्थित है। यह विमान लेजर गाइडेड सहित कई तरह के बम गिराने और मिसाइल दागने में सक्षम है। सूत्रों ने कहा कि सफलता की उच्च दर और लंबी दूरी के ठिकानों पर सटीक निशाना साधने तथा लेजर गाइडेड सहित कई तरह के बम गिराने और मिसाइल दागने की बेहतरीन क्षमता के चलते पाकिस्तान में जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी ठिकाने पर हमले के लिए मिराज 2000 लड़ाकू विमानों के बेड़े का इस्तेमाल किया गया।

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उन्होंने कहा कि इसके साथ ही भारतीय वायुसेना की अन्य युद्धक चीजों का 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पाकिस्तान के भीतर पहले हवाई हमले के लिए इस्तेमाल किया गया। भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि मिराज 2000 थेल्स आरडीवाई 2 रडार से लैस है जो 100 प्रतिशत सटीक निशाने के साथ लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।

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