किसानों को गुमराह करना पाप,न मंडियां बंद होंगी न एमएसपी पर खरीद: योगी आदित्यनाथ

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उन्होंने केहा कि करार वैकल्पिक है न कि बाध्यकारी, इन सबके बावजूद कुछ लोग किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा है कि प्रदेश में न तो कृषि उपज मंडी बंद होगी, न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद बंद होने वाली है।

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि कृषि कानूनों के नाम पर किसानों को गुमराह करना पाप है और नए कृषि कानून किसानों की राय से बने हैं, जिसमें किसानों का हित पूरी तरह सुरक्षित है। योगी ने कहा कि किसानों की जमीन उनकी ही रहेगी और करार सिर्फ उपज का होगा। उन्होंने केहा कि करार वैकल्पिक है न कि बाध्यकारी, इन सबके बावजूद कुछ लोग किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने किसानों को आश्वस्त करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा है कि प्रदेश में न तो कृषि उपज मंडी बंद होगी, न ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल की खरीद बंद होने वाली है। योगी ने विधानसभा में बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि न्यून्तम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद का नियम भले ही दशकों पहले बना दिया गया हो, लेकिन क्रय केंद्रों का इंतजाम नहीं किया गया और अब न केवल मंडियों को तकनीक से जोड़ा जा रहा है, बल्कि किसानों को अपनी वन नेशन-वन मंडी की अवधारणा के साथ उनकी इच्छानुसार कहीं भी उपज बेचने की व्यवस्था दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडियों को बंद करना होता तो सरकार लगातार उनका आधुनिकीकरण नहीं करती। प्रदेश सरकार 27 मंडियों को आधुनिक किसान मंडियों के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि किसान कानून के हवाले से भ्रमजाल रचते हुए कुछ लोग एमएसपी खत्म होने की बात कह रहे हैं, जबकि किसान जानता है कि यही वह सरकार है जिसने हर साल एमएसपी में बढ़ोतरी की। उन्होंने कहा कि मक्का के लिए भी एमएसपी की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जब पूरी दुनिया ठप पड़ गयी थी, उस दौरान भी हमने किसानों के हितों का पूरा ख्याल रखा और हमने गेहूं की खरीद की।

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उन्होंने कहा कि इसी दौरान 37 गोदामों का शिलान्यास हुआ और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडी शुल्क को दो प्रतिशत से घटाकर एक फीसद किया गया। योगी ने कहा कि 45 जिंसों पर मंडी शुल्क माफ किया और इस दौरान जब देश की आधे से अधिक चीनी मिलें बंद थी उस समय भी प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलें चलीं और 31 करोड़ कुंतल गन्ने की पेराई कर किसानों को 5954 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि इसी दौरान सरकार ने किसान कल्याण मिशन के नाम से एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम शुरू किया और किसानों के हित के लिए इस वर्ष आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजनाशुरू की गई है। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्र और राज्य सरकार किसानों के हित के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से विपक्ष को ये सब काम नहीं दिखते, दरअसल इन लोगों ने किसानों को सिर्फ वोट बैंक समझा उनके हित में कभी काम ही नहीं किया और अब जब केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों के हितों के प्रति संकल्पित है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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