भारत की आत्मा पर चोट कर रही है मोदी सरकार: पित्रोदा
भारत में दूरसंचार क्रांति के सूत्रधार पित्रोदा ने कहा, ‘‘ मैंने तो सिर्फ सवाल किया था। ये कहते हैं कि आप देशभक्त नहीं है। ऐसा कहने वाले ये लोग कौन होते है?’’ शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘कुलपतियों को पूरी आजादी मिलनी चाहिए, लेकिन नहीं है।
नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी और ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के प्रमुख सैम पित्रोदा ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर ‘भारत की आत्मा पर चोट करने’ का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी यह कहकर देश का अपमान करते हैं कि पिछले 70 वर्षों में कुछ नहीं हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों के साथ संवाद कार्यक्रम में उन्होंने यह भी कहा कि इस चुनाव के बाद में कांग्रेस की सरकार बनने पर शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता सुनिश्चित की जाएगी। प्रधानमंत्री के चुनावी भाषणों का जिक्र करते हुए पित्रोदा ने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि भारत ने 70 वर्षों में कुछ नहीं किया तो उनके लिए मुझे दुख होता है। वह प्रतिभा का सम्मान नहीं करते। वह अपने देश का अपमान करते हैं। सच्चाई यह है कि इस देश ने बहुत कुछ हासिल किया है और लंबा सफर तय किया है।’’
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उन्होंने दावा किया, ‘‘ गांधी जी ने हमें कुछ बुनियादी मूल्य सिखाए, लेकिन यह सरकार सब उल्टा करती है। उन्होंने हमें सत्य का पाठ पढ़ाया, लेकिन यह सरकार सिर्फ झूठ बोलती है। गांधी जी ने एक दूसरे पर विश्वास की बात कही थी, लेकिन इस सरकार में एक दूसरे पर लोग विश्वास नहीं करते। उन्होंने प्रेम, समग्रता और विविधता की पैरवी की थी, लेकिन इस सरकार में घृणा, बिखराव और एकरूपता है।’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं देख सकता है कि देश का प्रधानमंत्री बार बार झूठ बोले और लोग उस पर विश्वास भी कर लें। कुछ दिनों पहले मैंने बालाकोट एयर स्ट्राइक के बारे में कुछ कहा था, जिस पर प्रधानमंत्री तुरंत ट्वीट करने लगे, भाजपा के अध्यक्ष ने संवाददाता सम्मेलन किया, उनके मंत्री बयान देने लगे। मुझे समझ नहीं आया कि ऐसा क्या हो गया?’’
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भारत में दूरसंचार क्रांति के सूत्रधार पित्रोदा ने कहा, ‘‘ मैंने तो सिर्फ सवाल किया था। ये कहते हैं कि आप देशभक्त नहीं है। ऐसा कहने वाले ये लोग कौन होते है?’’ शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता के संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘कुलपतियों को पूरी आजादी मिलनी चाहिए, लेकिन नहीं है। मंत्रालय में कोई फैसले कर लेता है तो फिर कुलपति की क्या जरूरत है?’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘इस सरकार ने आइडिया ऑफ इंडिया को छिन्न-भिन्न कर दिया है, भारत के मूल स्वभाव को नुकसान पहुंचाया है, भारत की आत्मा पर चोट की है।’’
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पित्रोदा ने कहा, ‘‘2014 के चुनाव में बड़े वादे किए गए। 100 स्मार्ट शहरों का वादा किया गया, लेकिन एक भी शहर स्मार्ट नहीं बना। करोड़ों रोजगार का वादा किया, लेकिन लोगों की नौकरियां चली गईं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब हमें कहना होगा कि बहुत हो चुका है। इनको सत्ता से बाहर करना होगा। यह विचारों की सबसे बड़ी लड़ाई है। हमें ऐसा देश बनाना है जहां सभी लोग मिलजुलकर सौहार्द के साथ रहें और देश तेजी से प्रगति करे।’’
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