भागवत ने प्रशासन में संघ के हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज किया

Mohan Bhagwat
प्रतिरूप फोटो

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (संघ) प्रमुख मोहन भागवत ने उदयपुर में प्रबुद्ध लोगों से संवाद के दौरान भागवत ने कहा, ‘‘ सत्ता में संघ की भागीदारी गुमराह करने वाली बात है और मीडिया द्वारा उत्पन्न की गई है।’’

 राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (संघ) प्रमुख मोहन भागवत ने प्रशासन के कार्यों में संघ के हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नेताओं के साथ बैठक करना और उनके साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करना ‘‘सत्ता में भागीदारी’ करना नहीं है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि ये आरोप मीडिया के बनाए हैं। उदयपुर में प्रबुद्ध लोगों से संवाद के दौरान भागवत ने कहा, ‘‘ सत्ता में संघ की भागीदारी गुमराह करने वाली बात है और मीडिया द्वारा उत्पन्न की गई है।’’

इसे भी पढ़ें: हिंदू राष्ट्र की स्थापना में संघ परिवार के सामने एकमात्र बाधा भारत का इतिहास है: विजयन

उन्होंने कहा कि संघ के स्वयं सेवक अगर नेताओं से मिलते हैं और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं तो इसे सत्ता में भागीदारी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। भागवत को उद्धृत करते हुए संघ द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘कम्युनिस्ट सहित अन्य सरकारें भी कई कार्यों में संघ के स्वयंसेवकों का सहयोग लेती हैं।’’

संघ प्रमुख ने यह टिप्पणी बुद्धिजीवियों के सम्मेलन के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में की। उन्होंने कहा कि संघ के स्वयं सेवक लोगों के चरित्र निर्माण के जरिये राष्ट्र निर्माण के लक्ष्य के लिए काम करते हैं। भागवत ने संघ के संस्थापक के बी हेडगवार का जिक्र करते हुए कहा किवह हमेशा कहते थे कि हिंदू समाज का संगठन ही देश की सभी समस्याओं का समाधान कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू विचारधारा शांति और सच्चाई की विचारधारा है। हम हिंदू नहीं है जैसे अभियान देश और समाज को कमजोर करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे हैं। जहां पर भी हिंदुओं की आबादी कम हुई, वहां पर समस्या पैदा हुई।’’

केरल और पश्चिम बंगाल में संघ कार्यकर्ताओं की दिक्कतों पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि समाज जिस चीज से पीड़ित है, उससे स्वयं सेवक भी पीड़ित हैं। भागवत ने इसके साथ ही कहा कि स्वयंसेवक भयभीत होकर भागने वाले नहीं हैं। भेदभाव रहित समाज के सवाल पर भागवत ने कहा कि संघ की शाखाओं में लोगों को भेदभाव नहीं करना सिखाया जाता है। हम हिंदू हैं और यही शाखा में सिखाया जाता है।

उन्होंने कहा,‘‘इसलिए संघ में भेदभाव का कोई माहौल नहीं है। स्वयंसेवक अपने व्यक्तिगत जीवन में भी इस आदर्श को स्थापित करने की कोशिश करते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़