पानसरे हत्याकांड में और संदिग्धों की हुई पहचान, गिरफ्तारी बाकीः CID

More suspects identified in Pansare case, yet to be held: CID to HC
[email protected] । Feb 15 2018 6:18PM

महाराष्ट्र सीआईडी ने बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि उसने वामपंथी नेता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में कुछ और आरोपियों की पहचान की है। हालांकि, वह उनमें से किसी को भी अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है।

मुंबई। महाराष्ट्र सीआईडी ने आज बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि उसने वामपंथी नेता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में कुछ और आरोपियों की पहचान की है। हालांकि, वह उनमें से किसी को भी अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। उच्च न्यायालय ने सीआईडी और सीबीआई से कहा कि उन्हें आरोपियों को मात देना है क्योंकि अगर इस तरह के अपराध के लिये दंड नहीं दिया गया तो अन्य अपराधियों का भी मनोबल बढ़ेगा। सीआईडी और सीबीआई क्रमश: पानसरे और अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता नरेंद्र दाभोलकर की हत्या की जांच कर रही है।

राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की तरफ से पेश अधिवक्ता अशोक मुंडारगी ने पानसरे हत्याकांड की जांच में हुई प्रगति के बारे में सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने कहा कि जहां कुछ नये लोगों की आरोपी के तौर पर पहचान की गई है, वहीं जांच अधिकारी उनका पता लगाने में कठिनाई पा रहे हैं क्योंकि उनमें से कुछ ने अपने आवास का पता और फोन नंबर बदल दिया है और उनमें से कई नयी पहचान के साथ रह रहे हैं।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भी अदालत से कहा कि दाभोलकर मामले में कई आरोपियों ने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया और अवैध तरीके से नया फोन नंबर हासिल किया है। सीबीआई के वकील अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि जांच एजेंसी आरोपियों के पता-ठिकाने के बारे में सुराग पाने के लिये फोन पर बातचीत की जांच कर रही है। हालांकि, यह बड़ा काम है। न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति भारती डांगरे की पीठ ने हालांकि जांच एजेंसियों से कहा कि उन्हें धन के अभाव में अपनी जांच में विशेषज्ञों की सहायता लेने और नवीन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने से नहीं बचना चाहिये।

पीठ ने सीबीआई और राज्य सीआईडी से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से सहायता लेने का भी सुझाव दिया। सिंह ने हालांकि अदालत से कहा कि वे पहले ही एनआईए के साथ संपर्क में हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वरिष्ठतम अधिकारियों ने दोनों मामलों में जांच में प्रगति पर गौर किया तो सिंह ने कहा कि सीबीआई निदेशक को हमेशा जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय को सीलबंद लिफाफे में सौंपी गई प्रगति रिपोर्ट की सीबीआई निदेशक ने जांच की है। यह दलील तब दी गई जब पीठ दाभोलकर और पानसरे के परिवार के सदस्यों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में दोनों मामलों की अदालत की निगरानी में जांच का अनुरोध किया गया है। अदालत ने अब जांच एजेंसियों को निर्देश दिया है कि वे दोनों मामलों में अपनी-अपनी प्रगति रिपोर्ट इस साल एक मार्च तक सौंपें।

दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वह सुबह की सैर पर निकले थे। पानसरे को 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में गोली मार दी गई थी और 20 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई थी।

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