बंगाल में भारी बारिश और बाढ़ के चलते दो लाख से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए

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आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के पूर्ब बर्धमान, पश्चिम बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना जिलों में कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के चलते दामोदर घाटी निगम के बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद आई बाढ़ की वजह से छह जिलों में अनेक घर नष्ट हो गए हैं और दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के पूर्ब बर्धमान, पश्चिम बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और दक्षिण 24 परगना जिलों में कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि प्रभावित लोगों के लिए राहत केंद्रों में एक लाख से अधिक तिरपाल, 1,000 मीट्रिक टन चावल, पेयजल के हजारों पाउच और साफ कपड़े भेजे गए हैं। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने बाढ़ से हुए नुकसान का अभी आकलन नहीं किया है।

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इस समय हमारी एकमात्र प्राथमिकता प्रभावित लोगों को बचाने की है।’’ उन्होंने कहा कि रूपनारायण और द्वारकेश्वर नदियां उफान पर हैं तथा हुगली जिले में पानी आवासीय क्षेत्रों में घुस गया है, जिससे घर जलमग्न हो गए हैं। अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मी लोगों को बचाने के काम में लगे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अकेले हुगली जिले में कम से कम एक लाख लोगों को उनके घर नष्ट हो जाने की वजह से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अनेक लोग अब भी अपने घरों की छतों पर या किसी अन्य ऊंचे स्थान पर फंसे हैं।’’

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राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने सोमवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिले में घाटाल क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित स्थानों का दौरा किया और कहा कि वह स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अवगत कराएंगे तथा तदनुसार कदम उठाए जाएंगे। मुखर्जी ने कहा, ‘‘मैंने विगत में भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है, लेकिन इस बार स्थिति भयानक है...ऐसे क्षेत्र भी हैं जो बाढ़ की वजह से पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। मुख्यमंत्री ने मुझसे स्थिति को देखने को कहा था। सर्वेक्षण करने के बाद मैं उन्हें जानकारी दूंगा।’’ इस बीच, दामोदर घाटी निगम के एक अधिकारी ने कहा कि इसके बांधों से आखिरी बार 31 जुलाई को पानी छोड़ा गया था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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