सांसदों को अंटेंडेंस के लिए नहीं लगानी होगी लाइन, लोकसभा में MMD डिवाइस के जरिए दर्ज करा सकते हैं अपनी उपस्थिति

Lok Sabha
ANI
अभिनय आकाश । Jul 14 2025 4:45PM

सांसदों को लोकसभा या राज्यसभा कक्षों में प्रवेश करने से पहले भौतिक उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने होते थे। नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद, इस पद्धति को कक्ष के प्रवेश द्वारों पर रखे गए टैबलेट के माध्यम से स्टाइलस-आधारित उपस्थिति द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। नई शुरू की गई MMD प्रणाली अब सांसदों को अपनी निर्धारित सीटों से सीधे अपनी उपस्थिति दर्ज करने की अनुमति देती है, जिससे समय की बचत होती है और कतारों से बचा जा सकता है।

सांसदों ने एक नए मल्टी-मीडिया डिवाइस (MMD) सिस्टम का उपयोग करके अपनी आवंटित सीटों से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना शुरू कर दिया है। वर्तमान सत्र से शुरू किया गया यह डिजिटल अपग्रेड, भारत के नवनिर्मित संसद भवन में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के सरकार के व्यापक प्रयास का हिस्सा है।

मैन्युअल रजिस्टर से डिजिटल टैबलेट तक

हाल ही तक, सांसदों को लोकसभा या राज्यसभा कक्षों में प्रवेश करने से पहले भौतिक उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करने होते थे। नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद, इस पद्धति को कक्ष के प्रवेश द्वारों पर रखे गए टैबलेट के माध्यम से स्टाइलस-आधारित उपस्थिति द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। नई शुरू की गई MMD प्रणाली अब सांसदों को अपनी निर्धारित सीटों से सीधे अपनी उपस्थिति दर्ज करने की अनुमति देती है, जिससे समय की बचत होती है और कतारों से बचा जा सकता है।

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उपस्थिति दर्ज करने के कई सुरक्षित तरीके

MMD प्रणाली सांसदों को अपनी उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए कई विकल्प प्रदान करती है। वे अंगूठे के निशान का उपयोग कर सकते हैं, पिन नंबर दर्ज कर सकते हैं, या मल्टीमीडिया डिवाइस कार्ड स्वाइप कर सकते हैं। वैकल्पिक रूप से, सांसद टैबलेट पर ड्रॉप-डाउन मेनू से अपना नाम चुन सकते हैं, डिजिटल पेन से हस्ताक्षर कर सकते हैं, और उपस्थिति दर्ज करने के लिए 'सबमिट' बटन दबा सकते हैं। यह डिजिटल प्रक्रिया दक्षता और सटीकता को बढ़ाती है, तथा उपस्थिति की शीघ्र रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करती है।

ओम बिरला कर रहे इस पहल का नेतृत्व 

यह प्रणाली लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के मार्गदर्शन में शुरू की गई है, जो कागज़ रहित संसद के प्रबल समर्थक रहे हैं। प्रत्येक सांसद की सीट पर लगे टैबलेट, जो शुरू में संसदीय दस्तावेज़ों और दिन के एजेंडे तक पहुँचने के लिए थे, अब उपस्थिति दर्ज करने के दोहरे उद्देश्य से काम करते हैं। हालाँकि लोकसभा ने इस नई प्रणाली को अपना लिया है, लेकिन राज्यसभा में फिलहाल पुरानी उपस्थिति पद्धति ही जारी रहेगी। 

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