मुंबई की मस्जिद ने की सकारात्मक पहल, हिजाब का मसला नहीं, कानून जो कहेगा उससे मानना होगा
हिजाब पर चल रहे प्रदर्शन के बीच मुंबई की प्रमुख जुम्मा मस्जिद की तरफ से एक सकारात्मक पहल भी देखने को मिली है। जुम्मे की नमाज से पहले और बाद में शांति और अमन कायम रखने का पैगाम मस्जिद से दिया गया।
स्कूल कॉलेज की छात्राओं के हिजाब पहनने को लेकर जारी विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई पिछले तीन दिनों से चल रही है। कोर्ट की तरफ से फैसला आने तक स्कूल कॉलेज में धार्मिक कपड़े पहनने पर रोक लगा दी है, जबकि अगली सुनवाई सोमवार को होगी। वहीं मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले पर चिंता जताई है। देश में हिजाब और टोपी जैसी चीजों पर छिड़े बहस से कोर्ट भी हैरान है। मद्रास हाईकोर्ट ने सवाल किया है कि लोगों के लिए राष्ट्र सर्वेपरि है या धर्म? वहीं हिजाब विवाद की आग कर्नाटक से निकलकर अलीगढॉ और मुंबई तक पहुंच गई है। हिजाब के समर्थन में जमीयत उलेमा ए हिंद की तरफ से मालेगांव में भीड़ भी जुटाई गई वहीं अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स ने बड़ा प्रदर्शन किया है। छात्राओं ने 'नारे तकबीर अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाते हुए कहा कि हिजाब उनका हक है और किसी कीमत पर वो हिजाब नहीं छोड़ेंगीं।
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हिजाब पर चल रहे प्रदर्शन के बीच मुंबई की प्रमुख जुम्मा मस्जिद की तरफ से एक सकारात्मक पहल भी देखने को मिली है। जुम्मे की नमाज से पहले और बाद में शांति और अमन कायम रखने का पैगाम मस्जिद से दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जुम्मे की नमाज के लिए पहुंचे हजारों लोगों को नमाज के पहले बताया गया कि कानून की प्रक्रिया के तहत ही आगे बढ़े और बेवजह मसला आगे ना बढ़ाये और अमन का पैगाम दें।
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न्यूज चैनल इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार कहा गया है कि हिजाब का मसला नहीं है कानून जो कहेगा उससे मानना होगा। न्यूज चैनल की रिपोर्ट में मस्जिद के मुफ्ती अशफाक के हवाले से बताया गया है कि हिजाब कभी भी मसला नहीं है और हिजाब पहनना अनिवार्य है ऐसा कहीं नहीं लिखा।
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