Krishna Janmabhoomi: मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, अब हाई कोर्ट में होगी हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे पहले यह तय करें कि क्या वे इलाहाबाद हाई कोर्ट की एकल पीठ के निर्णय को दोहरी पीठ में चुनौती देना चाहते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने संकेत दिया है कि वह याचिकाकर्ताओं के निर्णय के परिणाम की प्रतीक्षा में 4 नवंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में मामले की सुनवाई करेगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले को मुस्लिम पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। आज भारत के सुप्रीम कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर विचार किया। सुप्रीम कोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे पहले यह तय करें कि क्या वे इलाहाबाद हाई कोर्ट की एकल पीठ के निर्णय को दोहरी पीठ में चुनौती देना चाहते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने संकेत दिया है कि वह याचिकाकर्ताओं के निर्णय के परिणाम की प्रतीक्षा में 4 नवंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में मामले की सुनवाई करेगा।
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शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट नवंबर में सुनवाई करेगा। कोर्ट ने ईदगाह मस्जिद से जुड़ी याचिका पर पुनर्विचार करने की इच्छा जताई है। इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई भी जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ईदगाह मस्जिद याचिका के साथ-साथ मामले से जुड़ी अन्य लंबित याचिकाओं पर भी सुनवाई करेगा।
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इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने 4 सितंबर को मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में हिंदू पक्ष की याचिकाओं की विचारणीयता को बरकरार रखने वाले उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। पिछले महीने, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उस स्थान पर भगवान कृष्ण मंदिर की बहाली की मांग करने वाले मुकदमे की स्थिरता को चुनौती देने वाले मुस्लिम पक्ष के आवेदन को खारिज कर दिया, जहां शहीद ईदगाह मस्जिद मौजूद है। न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन ने कहा कि हिंदू वादी के मुकदमे पूजा स्थल अधिनियम सहित किसी भी कानून द्वारा वर्जित नहीं हैं, जो 15 अगस्त,1947 को मौजूद किसी धार्मिक स्थान के रूपांतरण पर रोक लगाता है।
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