नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, बंगाल में TMC सरकार को जड़ से उखाड़ना जरूरी
इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है। झूठ बोलने से लेकर इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने तक। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग हमारी परम्परा और संस्कृति को खंडित करना चाहते हैं और इसके लिए पार्टी लोगों को गुमराह कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस संकल्प के लिए वर्तमान सरकार, जो हर तरीके से नुकसान पहुंचा रही है, को बाहर करना है और वहां भाजपा का शासन लाना है। यह हमारी जिम्मेदारी है इसको हम को पूरा करना पड़ेगा।’’ उन्होंने कहा कि बंगाल ने देश को दृष्टि दी है, इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन आज के दिन जब वहां शिक्षा की स्थिति और वर्तमान बंगाल के नेतृत्व को देखता हूं तो दिल द्रवित और दुखी होता है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘शिक्षा एकदम नीचे पहुंच गयी है। राजनीतिकरण हो रहा है। आज बंगाल का हाल क्या हो गया है कि आप किस पार्टी को वोट देते हैं, इस पर तय होगा कि आपको शिक्षा में कहां स्थान दिया जाएगा। राजनीति का स्तर इतना गिर गया है कि वहां हर चीज का राजनीतिकरण कर दिया गया है।’’ मौजूदा स्थिति को बंगाल के लिए ‘‘बहुत दुखदायी’’ करार देते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शिक्षा के क्षेत्र में बंगाल को जो ऊंचा स्थान दिया, उसे फिर से वहां पहुंचाना है। नड्डा ने आरोप लगाया कि आज पश्चिम बंगाल में पद की लोलुपता इतनी अधिक हो गई है कि वहां के नेता पद के लिए सब कुछ करने को तैयार हैं। पद पर बने रहने के लिए वे सभी प्रकार के समझौते कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आज अपराधीकरण इतना ज्यादा हो गया है, यह दुख की बात है। यह बंगाल के लिए एक संकट का प्रश्न है।’’ तृणमूल कांग्रेस सरकार पर भाजपा की विचारधारा को दबाने और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को जेल में डालने का आरोप लगाते हुए नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आहृवान किया कि वे विचारों की लड़ाई लड़ें। उन्होंने कहा, ‘‘जहां बल का प्रयोग होता है वहां विचारधारा समाप्त होती है। आज बंगाल जो विचार से ओतप्रोत है, उसके विचार को कुंठित करने का काम वर्तमान सरकार कर रही है। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को जेल में डाल दो। उनके खिलाफ केस लगा दो। उनके खिलाफ नारकोटिक्स के केस लगा दो।’’ नड्डा ने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने भाजपा सांसदों को काम नहीं करने दिया और उन्हें तरह-तरह से परेशान किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना काल में हमारे सांसदों को हाउस अरेस्ट किया गया। ये कौन से मापदंड तय हो रहे हैं। एक श्यामा प्रसाद मुखर्जी थे जिन्होंने क्षेत्रीय आकांक्षाओं से लेकर राष्ट्रीय एकता व अखंडता के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया। और आज की मुख्यमंत्री हैं, जो कोरोना के केसेज को दिल्ली को रिपार्ट करने में अपनी हेठी समझती है।’’डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बताये रास्ते पर चलकर हमें बंगाल के गौरव को वापस लाना है।
— BJP (@BJP4India) July 6, 2020
राजनीतिक और शिक्षा की दृष्टि से उसे ऊंचा उठाना है और बंगाल की वर्तमान सरकार जो हर तरह से इसे नुकसान पहुंचा रही है, उस सरकार को बाहर करना है: श्री @JPNadda #SyamaPrasad4OneIndia pic.twitter.com/xIY5JhTMDi
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ममता बनर्जी का नाम लिए बगैर नड्डा ने सवाल किया कि हम किस प्रकार की संघीय व्यवस्था में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इधर, हमारे प्रधानमंत्री हैं जो संघीय व्यवस्था में विश्वास करके सभी को साथ लेकर कोरोना के संक्रमण से लड़ रहे हैं। और एक वहां की मुख्यमंत्री हैं जो आयुष्मान भारत कार्यक्रम को सिर्फ इसलिए लागू नहीं कर रही हैं क्योंकि यह केंद्र की योजना है, मोदी जी की योजना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह न तो क्षेत्रीय आकांक्षाओं की पूर्ति करता है और ना ही राष्ट्रीयता का बोध देता है। इस तरीके की सरकार आज यहां खड़ी है।’’ राष्ट्र के लिए मुखर्जी के योगदान का जिक्र करते हुण् नड्डा ने कहा कि उनके ही प्रयासों की बदौलत आज पश्चिम बंगाल और पंजाब का एक बड़ा हिस्सा भारत के साथ है। उन्होंने कहा, ‘‘नहीं तो विभाजन के साथ ही ये पाकिस्तान के साथ चला जाता। मुखर्जी ने आजादी के बाद नेहरू की तुष्टीकरण की नीति का विरोध किया। लोकतंत्र का गला घोंटने की आदत रही है कांग्रेस की।’’ राज्य के संसदीय कार्यमंत्री पार्थ चटर्जी ने नड्डा के आरोपों को आधारहीन बताया और कहा कि यह बंगाल की जनता को गुमराह करने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए सिर्फ वोट मायने रखता है। इसके लिए वह किसी भी हद तक जा सकती है। झूठ बोलने से लेकर इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने तक। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग हमारी परम्परा और संस्कृति को खंडित करना चाहते हैं और इसके लिए पार्टी लोगों को गुमराह कर रही है।
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