भाजपा का आरोप, राहुल गांधी की रक्षा मामलों में केवल ‘‘कमीशन’’ को लेकर ही रूचि, संसदीय समिति में नहीं
वायनाड सीट से चुन कर लोकसभा में आने के बाद राहुल गांधी रक्षा संबंधी संसद की स्थायी समिति के सदस्य बने। इस समिति की अब तक कुल 11 बैठकें हुई लेकिन उन्होंने किसी भी बैठक में भाग नहीं लिया।
उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा संबंधी स्थायी समिति की 11 बैठकों में से क्यों एक के लिए भी राहुल गांधी ने समय नहीं निकाला ? क्या वे केवल कमीशन की बैठकों में हिस्सा लेते हैं ? क्या संसदीय समिति उनके लिए कोई मायने नहीं रखती ? इसका जवाब आज खुद राहुल गांधी को देना होगा। ’’ राव ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि राहुल गांधी और उनके परिवार के लिए रक्षा मामलों में केवल ‘‘कमीशन’’ को लेकर ही रूचि रहती है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन रक्षा मामलों में चर्चा करना, सशस्त्र बलों के कामकाज की समीक्षा करना, उनके मनोबल को ऊंचा करने के लिए कुछ बात कहना, ये सब राहुल गांधी के विषय नहीं है। वह, केवल और केवल सेना के मनोबल को गिराने की कोशिश करते हैं।’’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी को अपने इस व्यवहार के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। इससे पहले, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि वायनाड के सांसद रक्षा मामलों की संसद की स्थायी समिति की ‘‘एक भी बैठक’’ में शामिल नहीं हुए, लेकिन देश का ‘‘मनोबल’’ गिराने और सशस्त्र बलों के शौर्य पर सवाल उठाने का काम लगातार कर रहे हैं। भाजपा के इस हमले पर कांग्रेस की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को आज जवाब देना होगा-
— BJP (@BJP4India) July 6, 2020
राहुल गांधी क्यों गायब रहते हैं स्टैंडिंग कमेटी ऑफ डिफेंस से?
क्यों 11 मीटिंग में एक बार भी राहुल गांधी ने समय नहीं निकाला?
केवल कमीशन की मीटिंग अटेंड करते हैं क्या?: श्री @GVLNRAO
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नड्डा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘राहुल गांधी रक्षा मामलों की संसद की स्थायी समिति की एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए। लेकिनदुख की बात है कि वे देश का मनोबल गिराने, सशस्त्र बलों के शौर्य पर सवाल उठाने के साथ-साथ वह सभी काम कर रहे हैं जो एक जिम्मेदार विपक्षी नेता को नहीं करने चाहिए।’’ उन्होंने कटाक्ष किया, ‘‘राहुल गांधी का ताल्लुक उस गौरवशाली वंश परम्परा से है जहां रक्षा के लिए समिति नहीं, बल्कि कमीशन मायने रखता है। कांग्रेस में कई ऐसे योग्य सदस्य हैं जो संसदीय मामलों की जानकारी रखते हैं लेकिन एक शाही परिवार कभी भी वैसे नेताओं को आगे बढ़ने नहीं देगा। ’’ उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार की आलोचना करते रहते हैं। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ जारी गतिरोध पर भी उन्होंने सरकार के खिलाफ आक्रामक रवैया अपना रखा है। भाजपा ने इस संबंध में पलटवार करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर सशस्त्र बलों का मनोबल गिराने का आरोप लगाया है।
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