आयुष्मान भारत की वेबसाइट पर 100 से अधिक कदाचार में शामिल अस्पतालों के नाम डाले गए: हर्षवर्द्धन
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि धोखाधड़ी के करीब 1200 मामलों की पुष्टि हुई है और 338 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उन्होंने बताया कि छह अस्पतालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है और डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया गया है ।
नयी दिल्ली। देश के अस्पतालों में किसी भी गड़बड़ी पर रोक लगाने के उद्देश्य से सरकार ने एक पहल के तहत आयुष्मान भारत की आधिकारिक वेबसाइट पर 100 से अधिक ऐसे चिकित्सा संस्थानों के नाम डाले गये हैं, जो कदाचार में संलिप्त पाये गए हैं । केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी -पीएमजेवाई) के एक साल पूरे होने पर आयोजित ‘आरोग्य मंथन’ को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री हर्षवर्द्धन ने बताया कि सरकार की मंशा ‘नेम एंड फेम’ योजना भी लागू करने की है। इसका मकसद इस योजना के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों को सम्मानित करना है। उन्होंने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के तहत 111 अस्पतालों का नाम एबी-पीएमजेवाई की आधिकारिक वेबसाइट पर डाला गया है। इन अस्पतालों को पैनल से हटाया जा चुका है और इन अस्पतालों को किसी न किसी फर्जीवाड़े या गड़बड़ियों में संलिप्त पाया गया है।’’
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मंत्री ने कहा, ‘‘हमलोग अब नेम एंड फेम पहल शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसका मकसद बेहतर काम करने वाले अस्पतालों को सम्मानित करना है ताकि उनके अच्छे कामों का अनुसरण अन्य अस्पताल कर सकें।’’ आरोग्य मंथन का आयोजन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने किया था। इस योजना को लागू करने वाली यह शीर्ष संस्था है।मंत्री ने कहा कि धोखाधड़ी की रोकथाम, पहचान और नियंत्रण के लिये मजबूत प्रणाली पीएमजेवाई के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि धोखाधड़ी को रोका जाए और अगर इसका प्रयास किया जाता है तो उसका शीघ्र पता लगा कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि धोखाधड़ी के करीब 1200 मामलों की पुष्टि हुई है और 338 अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उन्होंने बताया कि छह अस्पतालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है और डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया गया है ।पिछले साल 23 सितंबर को शुरू होने के बाद पीएजेवाई के तहत 7500 करोड़ रुपये का 47 लाख से अधिक इलाज हो चुका है।
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