Omar Abdullah ने फिर उगली आग, Jammu-Kashmir Elections से पहले सरकार विरोधी बयानबाजी तेज की
कठुआ में एक रैली को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''वे (अनुच्छेद 370 हटने के बाद) नया और खुशहाल जम्मू-कश्मीर बनाने की बात कर रहे थे, लेकिन जमीनी स्थिति बिल्कुल विपरीत है और यही कारण है कि वे हार के डर के कारण आज तक विधानसभा चुनाव नहीं करा सके।''
देश ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने की पांचवीं वर्षगाँठ 5 अगस्त 2024 को बड़े धूमधाम से मनाई। लेकिन यह खुशी उमर अब्दुल्ला से देखी नहीं गयी। इसलिए वह एक बार फिर 370 हटाये जाने के खिलाफ झंडा बुलंद कर मैदान में उतर गये हैं। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद 'नया और समृद्ध'' जम्मू-कश्मीर बनाने के भाजपा के दावों को लेकर उस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि जमीनी स्तर पर स्थिति बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने कहा, ''मैं यह पूछने के लिए मजबूर हूं कि (केंद्र शासित प्रदेश के) लोगों को पिछले पांच वर्षों में क्या मिला है।'' कठुआ जिले के नगरी में एक रैली को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, ''वे (अनुच्छेद 370 हटने के बाद) नया और खुशहाल जम्मू-कश्मीर बनाने की बात कर रहे थे, लेकिन जमीनी स्थिति बिल्कुल विपरीत है और यही कारण है कि वे हार के डर के कारण आज तक विधानसभा चुनाव नहीं करा सके।''
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केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी के इस बयान का जिक्र करते हुए कि विधानसभा चुनाव सितंबर में होंगे, उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे अब चुनाव की बात कर रहे हैं तो वे हम पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह उच्चतम न्यायालय ही था, जिसने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाये जाने पर फैसला सुनाते हुए विधानसभा चुनाव कराने के लिए 30 सितंबर की समयसीमा तय की थी, अन्यथा वे किसी बहाने इसमें फिर देरी कर देते। उपराज्यपाल (मनोज सिन्हा) ने भी चुनाव कराने की बात कही है और हम चुनावों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।''
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