PGDAV कॉलेज (सांध्य) में हुआ राष्ट्रीय कवि सम्मेलन, कई बड़े कवियों ने की शिरकत

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[email protected] । Aug 19 2019 11:03AM

दिल्ली विश्वविद्यालय के पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य) में हिन्दी अकादमी, दिल्ली की ओर से राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

नई दिल्ली (प्रेस विज्ञप्ति) । 'भारत की पावन धरती की माटी ने वीरों को जन्म दिया है। वीरों की इस धरती को मैं अपने गीतों से नमन करता हूँ।' ये शब्द हिन्दी के प्रतिष्ठित गीतकार सोम ठाकुर ने हिन्दी अकादमी, दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन की अध्यक्षता के अवसर पर कहे। उन्होंने इस अवसर पर अपने प्रसिद्ध गीत ‘सागर चरण पखरे, गंगा शीष चढ़ावे नीर / मेरे भारत की माटी है चन्दन और अबीर' का गान भी किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य) में हिन्दी अकादमी, दिल्ली की ओर से राष्ट्रीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम थे। 

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उन्होंने इन कवि सम्मेलनों की आवश्कता पर बल देते हुए कहा कि ऐसे कवि सम्मेलनों से समाज में जागरुकता आती है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भारतीय भाषाओं की अकादमियों को स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने सभी श्रोताओं को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनायें दीं। इस अवसर पर हिन्दी अकादमी, दिल्ली के सचिव जीतराम भट्ट ने आमंत्रित सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों को कॉलेजों में कराने के पीछे उद्देश्य यह है कि इससे युवाओं को वर्तमान समय और समाज को जानने और समझने का अवसर मिलता है। 

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इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य और कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि डॉ. रवीन्द्र कुमार गुप्ता ने कहा कि अखण्ड भारत की परिकल्पना के साथ ही दो झण्डे और दो विधान से मुक्ति इस स्वतंत्रता दिवस पर एक उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा कि इन कवि सम्मेलनों से भारतीय संस्कृति और राष्ट्रभक्ति की भावना का संचार होता है। इसलिए ऐसे आयोजनों की बहुत आवश्यकता है। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवि कुंवर बेचैन, दिनेष रघुवंशी के साथ-साथ अर्जुन सिसोदिया, दिनेष आनंद, महक भारती, चिराग जैन और शहनाज हिन्दुस्तानी ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को राष्ट्रीय चेतना से जोड़े रखा। कार्यक्रम का संचालन युवा कवि चिराग जैन ने किया।

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