एनसीडब्ल्यू पहलगाम हमले में मारे गए नौसेना अधिकारी की पत्नी के समर्थन में उतरा

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आयोग ने स्वीकार किया कि भले ही उनकी टिप्पणियां कई लोगों को नहीं रास आई हों, लेकिन असहमति व्यक्त करना ‘संवैधानिक सीमाओं’ और नागरिक विमर्श की मर्यादा के दायरे में रहना चाहिए।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पहलगाम हमले में मारे गए नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल का समर्थन करते हुए कहा है कि किसी महिला को उसकी वैचारिक अभिव्यक्ति या निजी जीवन के आधार पर ‘ट्रोल’ (निशाना बनाना) किया जाना सही नहीं है।

हिमांशी ने 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर में पहलगाम के पास बैसरन में हुए आतंकवादी हमले के बाद लोगों से मुसलमानों और कश्मीरियों को निशाना न बनाने की अपील की थी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।

हिमांशी ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के पीछे पड़ें।’’ हिमांशी को उनके बयान के बाद सोशल मीडिया मंचों पर ‘ट्रोल’ किया गया।

‘एक्स’ पर जारी एक बयान में एनसीडब्ल्यू ने हिमांशी को ‘ट्रोल’ किए जाने की निंदा की। हिमांशी की टिप्पणियों की सोशल मीडिया पर व्यापक आलोचना का हवाला देते हुए एनसीडब्ल्यू ने लिखा, ‘‘लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की मौत के बाद, जिस तरह से उनकी पत्नी हिमांशी नरवाल की उनके एक बयान के संबंध में सोशल मीडिया पर आलोचना की जा रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

आयोग ने स्वीकार किया कि भले ही उनकी टिप्पणियां कई लोगों को नहीं रास आई हों, लेकिन असहमति व्यक्त करना ‘संवैधानिक सीमाओं’ और नागरिक विमर्श की मर्यादा के दायरे में रहना चाहिए।

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