वायु प्रदूषण से निपटने में पड़ोसी राज्य गंभीर नहीं हैं: कैलाश गहलोत
गहलोत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में धुआं और पराली जलाने का हिस्सा सोमवार को 18 से 20 फीसदी रहा।
नयी दिल्ली। वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में पड़ोसी राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के हिस्सा नहीं लेने पर नाखुशी जताते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को आरोप लगाया कि ‘‘मुद्दे से निपटने में जरूरी गंभीरता की कमी है।’’ उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा मुख्य सचिव से लेकर ग्राम पंचायत तक हर अधिकारी को जिम्मेदार ठहराने के बावजूद पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने का काम लगातार जारी है।
पड़ोसी राज्य पराली जलाना बंद कराएं
— AAP In News (@AAPInNews) November 11, 2019
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के साथ वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए गए कदमों को लेकर हुई समीक्षा बैठक में @kgahlot ने उठाई यह बात।
किसानों को पराली के निस्तारण के लिए मशीन मुहैया कराई जाए। pic.twitter.com/l3loXLGDBL
गहलोत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दिल्ली के प्रदूषण में धुआं और पराली जलाने का हिस्सा सोमवार को 18 से 20 फीसदी रहा। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा वायु प्रदूषण के मुद्दे पर बुलाई गई बैठक में हरियाणा और पंजाब के पर्यावरण मंत्रियों के अनुपस्थित रहने पर उन्होंने दोनों राज्यों को चिट्ठी लिखी है। दिल्ली के मंत्री ने कहा, ‘‘इस गंभीर मुद्दे पर पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के पर्यावरण मंत्रियों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। मुद्दे से निपटने में गंभीरता नहीं दिखाई गई।’’
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उन्होंने कहा कि दिल्ली में कच्ची सड़कें और खाली प्लॉट धूल प्रदूषण के बड़े स्रोत हैं। वायु प्रदूषण से निपटने में गंभीरता नहीं दिखाने के लिए उन्होंने एमसीडी के आयुक्तों और डीडीए के उपाध्यक्ष की भी आलोचना की।
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