नयी शिक्षा नीति संसद में पारित नहीं हुई, राज्यों को भी भरोसे में नहीं लिया गया: पार्थ चटर्जी

Partha Chatterjee

चटर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जिन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया उन्हें दूसरों की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार के वरिष्ठ मंत्री पार्थ चटर्जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि यह संसद की मंजूरी के बिना बनाई गई और राज्यों को भी भरोसे में नहीं लिया गया। पश्चिम बंगाल के शिक्षामंत्री चटर्जी ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची में है, इसके बावजूद 29 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा नयी नीति को पारित करने से पहले इसकी सामग्री पर राज्यों से चर्चा नहीं की गई। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और वाम दलों ने 30 जुलाई को संसद को अनदेखा करके नयी शिक्षा नीति बनाने पर भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना की थी। 

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द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने नयी शिक्षा नीति पर हमला तेज करते हुए शनिवार को कहा कि यह हिंदी और संस्कृत को‘थोपने’ की कोशिश है। उन्होंने समान विचारधारा की पार्टियों और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर इसके खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया। चटर्जी ने शनिवार रात को पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि नयी शिक्षा नीति -2020 पश्चिमी शिक्षा मॉडल की नकल है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पद की भी जिम्मेदारी निभा रहे चटर्जी ने कहा, ‘‘ मैं आश्चर्यचकित हूं कि उन्होंने (केंद्र) संसद और राज्यों से बिना चर्चा इसे लागू करने के बारे में सोचा। यह एकतरफा है।’’ मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने नयी शिक्षा नीति को लेकर 10 से 12 बिंदु बनाए है जो जल्द ही केंद्र को भेजी जाने वाली चिट्ठी में रेखांकित की जाएगी। 

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चटर्जी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि जिन्होंने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद कर दिया उन्हें दूसरों की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह विडंबना है कि जिस राज्य की कोई शिक्षा नीति नहीं है, वह केंद्र सरकार की शिक्षा नीति का विरोध कर रही है। बंगाल में शिक्षा प्रणाली पूरी तरह से खंडित हो चुकी है।’’ उल्लेखनीय है कि 1986 में बनी पुरानी शिक्षा नीति के स्थान पर नयी शिक्षा नीत-2020 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई को मंजूरी दी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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