हनीट्रैप कांड के बीच एक IPS अधिकारी की नई पहल, युवाओं में बांट रहे गीता का ज्ञान
01 जुलाई 2019 से 29 सितंबर 2019 तक ग्वालियर शहर में की गई आत्महत्याओं का आंकड़ा देखा गया तो पता चला कि 81 लोगों ने इस दौरान आत्महत्या की थी।
भोपाल। मध्यप्रदेश में जहां कथित हनीट्रैप ब्लैकमेलिंग कांड हर समाचार पत्र और समाचार चैनलों की सुर्खियों में छाया हुआ है। जिसमें प्रदेश के कई आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के नाम होने का अंदेशा जाहिर किया जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के ही ग्वालियर संभाग आईजी राजा बाबू सिंह अपने नवाचारों से डिपार्टमेंट और प्रशासन में नई ऊर्जा का संचार कर रहे हैं। आईजी राजा बाबू सिंह समय-समय पर ऐसी कई मुहिम चलाते रहते है, जिससे समाज में जागरुकता का माहौल पैदा हो। उनका उद्देश्य सिर्फ अपराध नहीं बल्कि अपराध करने वाले लोगों को मुख्यधारा से जोड़कर देश और प्रदेश की तरक्की में अपनी अहम भूमिका है।
इसे भी पढ़ें: मध्य प्रदेश: कथित हनी ट्रैप ब्लैकमेलिंग कांड में डायरी के पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल
ग्वालियर संभाग के आईजी राजा बाबू सिंह ने समाज में आत्महत्याओं को रोकने और खासकर युवाओं में जिंदगी के प्रति एक नया नजरिया जगाने के उद्देश्य से ग्वालियर संभाग में एक नई मुहिम छेड़ी है। जिसके तहत वह 01 अक्टूबर से 13 अक्टूबर 2019 तक 11,008 छात्रों को गीता भेंट करेंगे। इस दौरान वह युवाओं के साथ गीता का ज्ञान भी साझा करेंगे। छात्रों को निशुल्क गीता वितरण के पीछे का उद्देश्य बताते हुए आईजी सिंह ने कहा कि मैंने संभाग में होने वाली आत्महत्याओं का एक आंकड़ा निकाला, जिसके सैंपल के तौर पर 01 जुलाई 2019 से 29 सितंबर 2019 तक ग्वालियर शहर में की गई आत्महत्याओं का आंकड़ा लिया। जिसमें पाया कि 81 लोगों ने इस दौरान आत्महत्या की थी, देखा जाए तो औसतन हर दिन एक व्यक्ति आत्महत्या कर रहा था। जिसमें युवाओं की संख्या 60 प्रतिशत थी। क्योंकि मैंने गीता का अध्ययन किया है और यह पाया कि युवाओं में आई क्यूं और ईक्यू के बीच बैलेंस की कमी है। इसे संतुलित करने का बेहतर तरीका सिर्फ गीता ही है। जो परेशानियों से लड़ने का रास्ता दिखाती है। आईजी राजाबाबू सिंह को गीता के श्लोक कंठस्थ है वह यह श्लोक सुनाते हुए इससे जीवन जीने की कला सिखाते है।
जहां प्रदेश में एक ओर कई आईएएस और आईपीएस अधिकारी कथित हनीट्रैप ब्लैकमेलिंग कांड में संलिप्तता के चलते कुंठित जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं, तो वहीं ग्वालियर आईजी का नवाचार लोगों में एक नई रोशनी पैदा करने वाला और समाज में रहकर कैसे संयमित जीवन जिया जाए यह सिखाता है। प्रशासन में रहकर कैसे समाज को नई दिशा दी जाए अगर यह किसी से सीखना है तो ग्वालियर आईजी से बेहतर व्यक्तित्व शायद ही देखने को मिले जो एक तरफ गीता का ज्ञान लोगों में फैलाकर कर्म के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं तो दूसरी तरफ एक ऐसी पुलिसिंग को बढ़ावा दे रहे हैं जिससे जनता भय खाने की अपेक्षा उनका सहयोग करे।
अन्य न्यूज़