नीतीश ने राज्य की सीमाओं पर ‘आपदा सीमा राहत शिविर’ की व्यवस्था करने के निर्देश दिये

a

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्य सचिव को बिहार से लगने वाली अन्य राज्यों की सीमाओं के साथ-साथ पडोसी देश नेपाल की सीमा पर ‘आपदा सीमा राहत शिविर’ की व्यवस्था करने के निर्देश दिये।

पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को मुख्य सचिव को बिहार से लगने वाली अन्य राज्यों की सीमाओं के साथ-साथ पडोसी देश नेपाल की सीमा पर ‘आपदा सीमा राहत शिविर’ की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। पटना स्थित एक अणे मार्ग पर मुख्यमंत्री आवास पर शाम को बैठक के दौरान नीतीश ने लॉकडाउन (बंद) की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने बंद के कारण राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से मुख्य सचिव को बिहार से लगने वाली राज्यों की सीमाओं एवं नेपाल की सीमा पर ‘आपदा सीमा राहत शिविर’ की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।

‘आपदा सीमा राहत शिविर’ में आपदा राहत केन्द्रों की तरह ही दूसरे राज्यों से आने वाले बिहार के लोगों अथवा अन्य राज्यों के फंसे लोगों को भोजन, आवासन एवं चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करायी जायेंगी। इस व्यवस्था की समीक्षा एवं अनुश्रवण मुख्यमंत्री स्वयं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना वायरस सक्रंमण के कारण लोगों के बंद में फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद अन्य आपदा पीड़ितों की तरह ही की जाएगी। मुख्यमंत्री के इस निर्देश के आलोक में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने राज्य के सभी सीमावर्ती जिलों यथा- पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, कैमूर, बक्सर, छपरा, सीवान एवं गोपालगंज के जिलाधिकारियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम सेबैठक कर उन्हें त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया। नीतीश ने एक बड़ी पहल करते हुये मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत कोरोना उन्मूलन कोष में 7 करोड़ रुपये का अंशदान दिया है।

उन्होंने ने विधान परिषद के सदस्य के तौर पर कोविड-19 के संबंध में इस राशि के व्यय करने की अनुशंसा की है। ज्ञात हो कि कोरोना महामारी से बचाव एवं राहत कार्य के लिए कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया गया है। इससे कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी लड़ाई में मदद मिलेगी। इससे पूर्व नीतीश ने कहा था कि विशेष बसों से लोगों को भेजना एक गलत कदम है। उन्होंने कहा कि इससे बीमारी और फैलेगी जिसकी रोकथाम और उससे निबटना सबके लिए मुश्किल होगा। जो जहां हैं उनके लिये रहने-खाने की व्यवस्था वहीं की जा रही है। यह फैसला लॉकडाउन को पूरी तरह फेल कर देगा। नीतीश ने सुझाव दिया कि स्थानीय स्तर पर ही कैम्प लगाकर लोगों के रहने और खाने का इंतजाम किया जाए। गौरतलब है कि दिल्ली व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से हजारों की संख्या में लोग अपने घर जाने के लिए पैदल निकल रहे हैं। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 200 बसों का इंतजाम किया है, ये बसें नोएडा-गाजियाबाद से हर दो घंटों में रवाना होंगी। इन बसों में ज्यादातर पूर्वांचल और बिहार के यात्री हो सकते हैं। कई दिनों से परेशानी झेल रहे इन यात्रियों के लिए यह राहत वाली बात हो सकती है लेकिन सच्चाई ये भी है कि इन यात्रियों में अगर कोई भी संक्रमित हुआ तो बड़ी दिक्कत खड़ी हो सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़