फोन टैपिंग मामले में बोले नीतीश कुमार- किसी को डिस्टर्ब करना अच्छी बात नहीं

Nitish Kumar
अंकित सिंह । Jul 20 2021 10:22AM

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।

फोन टैपिंग मामले में देश में सियासी बवाल मचा हुआ है। संसद में भी विपक्ष का हंगामा है। इस मुद्दे पर जारी है। वहीं, विपक्षी नेता लगातार सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। सोमवार को संसद के दोनों सदनों को हंगामे की वजह से स्थगित कर दिया गया। इसी को लेकर अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान दिया है। नीतीश कुमार ने कहा कि यह सब बेकार की बातें हैं, किसी को डिस्टर्ब करना अच्छी बात नहीं है। जनता दरबार के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि यह गलत है। यह सब गंदी बात है। सब फालतू चीज है। किसी को डिस्टर्ब करना अच्छी बात नहीं है। मेरे हिसाब से बिल्कुल बेकार की बातें हैं। नई टेक्नालॉजी का दुरुपयोग हो रहा है। इसका समाज पर बुरा असर भी पड़ रहा है। लोगों को परेशानी होती है, काम में बाधा आती है। कोई गलत काम करता है तो उस पर शुरू से ही कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: पेगासस विवाद पर दिग्विजय ने ली चुटकी, बोले- सौभाग्य से मैंने अपने पुराने फोन नंबर का उपयोग करना बंद कर दिया

इससे पहले कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के जरिये कई प्रमुख लोगों की कथित तौर पर जासूसी करवाने के मामले को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस प्रकरण की स्वतंत्र जांच करवाए जाने की मांग की। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं। लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिये गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है। केंद्रीय मंत्री का बयान ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में इसके समेत कुछ अन्य मुद्दों पर शोर-शराबा किया।

इसे भी पढ़ें: राहुल गांधी, प्रशांत किशोर के फोन को किया गया टैप! रिपोर्ट में दावा, दो केंद्रीय मंत्रियों के नाम भी शामिल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के दौरान 106 आवेदकों के मामलों की सुनवाई कर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। पटना स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 106 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए। कार्यकम के दौरान सामान्य प्रशासन, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कृषि, गन्ना (उद्योग), सहकारिता, पशु एवं मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, उद्योग, लघु जल संसाधन, नगर विकास एवं आवास, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना एवं विकास, पर्यटन, भवन निर्माण, सूचना एवं जन-सम्पर्क एवं वाणिज्यकर विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई। इस दौरान, खगड़िया के परबत्ता से आये सतीश कुमार ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। वे बहुत ही गरीब हैं और झोपड़ी में रहते हैं। उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया है। कारण यह बताया गया है कि उनके यहां लैंडलाइन फोन नहीं है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़