नीतीश कुमार को ही मिलेगा बिहार के कायाकल्प का श्रेय: राजीव रंजन

Rajiv Ranjan

पिछले पंद्रह वर्षों में मुख्यमंत्री नितीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने न केवल विरासत में मिले बदहाली के कगार पर खड़े राज्य को उबार कर विकास के नए आयाम रचे बल्कि प्राचीन बिहार की गौरवगाथा को भी पुनर्स्थापित करने का कार्य भी आरम्भ किया।

पटना। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि बिहार आज गौरवशाली इतिहास को दुहराने की ओर अग्रसर है। पिछले पंद्रह वर्षों में मुख्यमंत्री नितीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने न केवल विरासत में मिले बदहाली के कगार पर खड़े राज्य को उबार कर विकास के नए आयाम रचे बल्कि प्राचीन बिहार की गौरवगाथा को भी पुनर्स्थापित करने का कार्य भी आरम्भ किया।

प्रसाद ने कहा कि चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक, जरासंघ की पराक्रम भूमि जहां से भगवान बुद्ध ने अहिंसा का संदेश विश्व को दिया, जो महात्मा गांधी की कर्मभूमि बनी, जिसने डॉ राजेन्द्र राजेन्द्र प्रसाद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, डॉ श्रीकृष्ण सिंह, रामधारी सिंह दिनकर, पंडित योगेंद्र शुक्ल जैसी विभूतियां राष्ट्र को समर्पित की। उस बिहार ने 1990 से 2005 का वह रक्तरंजित, बर्बर, अराजक और दिशाहीन दौर भी देखा। एक फेल्ड स्टेट के रूप में बिहार जाना जाने लगा। वहां से राज्य को उम्मीदों का बिहार बनाना आसान लक्ष्य नहीं था। लेकिन इसे अपनी ओजस्विता, दूरदर्शिता एवं संकल्प से नीतीश  ने संभव कर दिखाया। प्रसाद ने कहा कि शासन के दो विरोधाभाषी मॉडल्स का फर्क जनता जानती है और उसे ही तय करना है कि भविष्य में किस दिशा में राज्य को ले जाना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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