गंगा सफाई के संदर्भ में केंद्र, उप्र के प्रयासों का कोई नतीजा नहीं: एनजीटी
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने आज कहा कि गंगा की सफाई के संदर्भ में केंद्र और उत्तर प्रदेश के प्रयासों का ‘शून्य’ परिणाम प्राप्त हुआ है।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने आज कहा कि गंगा की सफाई के संदर्भ में केंद्र और उत्तर प्रदेश के प्रयासों का ‘शून्य’ परिणाम प्राप्त हुआ है। एनजीटी ने इनकी खिंचाई करते हुए हरिद्वार और कानपुर के बीच नदी में औद्योगिक कचरा प्रवाहित किये जाने के बारे में रिपोर्ट पेश करने को कहा। हरित न्यायाधिकरण ने गंगा की सफाई के संदर्भ में स्पष्ट रूख नहीं अपनाने के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं अन्य प्राधिकरण की खिंचाई की और इनसे दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा, ‘‘हर कोई हमारे समक्ष आता है और कहता है कि हमने यह किया है, हमने वह किया है। लेकिन इसका परिणाम शून्य है। मुख्य सवाल यह है कि आप हरिद्वार से कानपुर तक गंगा नदी की सुरक्षा कैसे करने जा रहे हैं? आप क्या करने जा रहे हैं? अपनी योजना के बारे में बताएं।’’ पीठ ने कहा, ''आप हमारे समक्ष आते हैं और यह बताते हैं कि समस्या गंभीर है। लेकिन इसका समाधान क्या है? दुर्भाग्य से बार बार निर्देश देने के बावजूद रिकार्ड पर कुछ नहीं सामने आया है। राज्य सरकारों की अलग प्राथमिकताएं हैं। लेकिन हमारी एक ही प्राथमिकता है और यह गंगा को साफ करने की है और हम ऐसा करेंगे।’’
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