जलवायु विहार सोसाइटी मारपीट मामले में आया नया मोड़, दूसरे पक्ष ने वीडियो जारी करते हुए डॉ. रश्मि पर लगाये गंभीर आरोप
डॉ. रश्मि का कहना है कि उनके पड़ोसी अरुण कुमार ने बदसलूकी और मारपीट की और अपने परिवार की महिलाओं को भी बुलवा कर उन्हें पिटवाया। जब प्रभासाक्षी ने इस मामले में अरुण कुमार और उनके परिवार की महिलाओं का पक्ष जाना तो उन्होंने कहा कि कोई अवैध निर्माण नहीं हो रहा है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में जलवायु विहार सोसाइटी में कथित अवैध निर्माण का विरोध करने पर दो पक्षों के बीच मारपीट का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक एक महिला डॉक्टर की उसके पड़ोसियों ने पिटाई कर दी। आरोप है कि महिला डॉक्टर की पिटाई इसलिए की गयी क्योंकि उन्होंने कथित अवैध निर्माण का विरोध किया था। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर डॉ. रश्मि के पड़ोसी अरुण कुमार की पत्नी और साली को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया।
इस मामले में डॉ. रश्मि का कहना है कि उनके पड़ोसी अरुण कुमार ने बदसलूकी और मारपीट की और अपने परिवार की महिलाओं को भी बुलवा कर उन्हें पिटवाया। जब प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क ने इस मामले में अरुण कुमार और उनके परिवार की महिलाओं का पक्ष जाना तो उन्होंने कहा कि कोई अवैध निर्माण नहीं हो रहा है। अरुण कुमार के परिजनों का कहना है कि मारपीट की शुरुआत पहले डॉ. रश्मि ने ही की थी। इस संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी प्रभासाक्षी को दिया। अरुण कुमार के परिजनों का कहना है कि इस मामले में मीडिया ने डॉ. रश्मि का ही पक्ष सुना और मामले को एकतरफा बना दिया। अरुण कुमार के परिजनों ने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस से न्याय की गुहार लगाते हुए अपील भी की है कि इस मामले की विस्तृत और निष्पक्ष जाँच कराई जाये। उन्होंने कहा कि हमें छह घंटे तक पुलिस थाने में बिठा कर रखा गया जबकि दूसरे पक्ष पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अरुण कुमार और उनके परिजनों ने इस मामले में डॉ. रश्मि को बराबर का दोषी बताते हुए उनकी गिरफ्तारी की भी माँग की है।
जहां तक इस मामले में स्थानीय पुलिस का पक्ष है तो आपको बता दें कि एडिशनल डीसीपी का कहना है कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है। उन्होंने मीडिया बाइट में कहा है कि दोनों पक्षों के बीच एसी और विंडो को लगाने को लेकर विवाद हुआ था।
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