Purvottar Lok: तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं पूर्वोत्तर के प्रदेश, Modi के नेतृत्व में हुआ North-East का भाग्योदय

Himanta Biswa Sarma
ANI

प्रधानमंत्री गुवाहाटी और न्यू जलपाईगुड़ी को जोड़ने वाली, पूर्वोत्तर की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 14 अप्रैल को हरी झंडी दिखा सकते हैं। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने इस क्षेत्र में वंदे भारत की शुरुआत के मौके पर एक भव्य आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है।

नमस्कार प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम पूर्वोत्तर लोक में आप सभी का स्वागत है। इस सप्ताह असम में परिसीमन की प्रक्रिया मुद्दे पर चर्चा आगे बढ़ी तो आगामी माह में पूर्वोत्तर को पहली वंदे भारत ट्रेन दिये जाने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के कुछ हिस्सों का ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया तो वहीं मेघालय में मुख्यमंत्री ने विधानसभा में तीन घंटे से ज्यादा लंबा भाषण देकर नया रिकॉर्ड बना दिया। नगालैंड में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव अभी नहीं कराये जायेंगे तो वहीं त्रिपुरा को इस सप्ताह नये विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मिल गये। इसके अलावा मिजोरम के मुख्यमंत्री ने इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की सत्ता में वापसी का भरोसा जताया है। इसके अलावा भी पूर्वोत्तर से कई बड़ी खबरें इस सप्ताह रहीं। आइये डालते हैं एक-एक करके सभी पर नजर। पहले बात करते हैं असम की।

असम

अदालत के एक फैसले के बाद राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाने के विरोध में कांग्रेस के कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को लेकर असम विधानसभा में बुधवार को हंगामा हुआ। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था। हंगामे के कारण विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने दो बार सदन को स्थगित किया और फिर कांग्रेस के दो विधायकों एवं एक निर्दलीय विधायक को दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया।

इसके अलावा, नौकरी के बदले नकद मामले के मुख्य आरोपी एवं असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष राकेश पॉल को जेल से रिहा कर दिया गया है। राकेश को गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने 24 मार्च को कृषि विकास अधिकारी के पद पर नौकरी देने के एवज में रिश्वत लेने के मामले में जमानत दे दी थी। अधिकारियों ने बताया कि कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने में समय लगने के कारण उनकी रिहाई में तीन दिन की देरी हुई। जेल से रिहा होने के बाद पॉल ने पत्रकारों से कहा कि मामला विचाराधीन होने के कारण वह इस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। पॉल ने बताया कि जेल में उन्होंने नामघर, सत्संग केंद्र और संगीत विद्यालय के निर्माण सहित कई गतिविधियों में हिस्सा लिया। न्यायमूर्ति देवाशीष बारुआ की एकल पीठ ने इस आधार पर पॉल को जमानत दे दी थी कि पॉल पहले ही इस अपराध के लिए अधिकतम सजा की आधी सजा काट चुके हैं। डिब्रूगढ़ पुलिस ने नवंबर 2016 में पॉल को गिरफ्तार किया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में थे। इस घोटाले के संबंध में पॉल के अलावा असम सिविल और पुलिस सेवा के अधिकारियों समेत 70 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

इसके अलावा, भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि नागरिक समाज संगठनों ने असम की परिसीमन प्रक्रिया का विरोध नहीं किया है, लेकिन कई राजनीतिक दलों ने 2001 की जनगणना के आधार पर किए जा रहे अभ्यास या 2026 तक इसे बंद नहीं करने जैसे मुद्दों पर आपत्ति जताई है। अगला देशव्यापी परिसीमन 2026 में होने वाला है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने तीन दिवसीय दौरे के दौरान इस उत्तर पूर्वी राज्य में विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन से पहले विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा की। राजीव कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि परिसीमन के लिए मसौदा प्रस्ताव प्रकाशित होने के बाद हितधारकों के साथ फिर से विचार-विमर्श किया जाएगा, हालांकि उन्होंने इसकी अधिसूचना के लिए कोई समय सीमा निर्धारित करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस कवायद में राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा। सीईसी ने कहा कि नौ मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों (जिनकी कुल संख्या 60 से अधिक है) ने ईसीआई टीम से मुलाकात की।

इसके अलावा, बांग्ला साहित्य सभा, असम (BSSA) ने मेहमानों को सम्मानित करने के लिए असमिया एवं बंगाली गमोचा (स्कार्फ) को बीच से काटने और फिर उन्हें एक साथ सिलने को लेकर माफी मांगी है। हम आपको बता दें कि संस्था के इस कदम की विभिन्न तबकों द्वारा तीखी आलोचना की गई थी। BSSA ने कहा कि यह विचार करीब एक साल पहले एक अन्य संगठन द्वारा इस्तेमाल किए गए विशेष रूप से सिले स्कार्फ से लिया गया था और उस समय कोई विवाद नहीं हुआ था। BSSA ने रविवार को आयोजित अपने पहले राज्य स्तरीय सम्मेलन में अतिथियों को सम्मानित करने के लिए सिले गमोचा का इस्तेमाल किया था। उपस्थित लोगों में राज्य के शिक्षा मंत्री आर पेगू भी थे। हम आपको बता दें कि सिले हुए गमोचा का एक हिस्सा असमिया था जबकि दूसरा हिस्सा बंगाली समुदाय द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला था।

इसके अलावा, असम के विभिन्न जनजातीय समुदायों के हजारों लोग अपनी पारंपरिक संस्कृति की सुरक्षा की मांग को लेकर इस सप्ताह गुवाहाटी में एकत्र हुए और रैली निकाली। एक बयान में इसकी जानकारी दी गयी है। कार्यक्रम के आयोजक जनजाति धर्म संस्कृति सुरक्षा मंच ने एक बयान में कहा कि राज्य की लगभग सभी जनजातियों जैसे बोडो, राभास, मिशिंग, डिमासस, तिवास, कार्बी, चाय जनजाति और सोनोवाल-कचारी के प्रतिनधि एक दिवसीय 'चलो दिसपुर' कार्यक्रम में शामिल हुए। संगठन ने दावा किया कि आदिवासी जनजातियों के लोग "अनैतिक धर्मांतरण" के शिकार हो रहे हैं, जिसके कारण धर्मांतरित लोगों को अपनी पारंपरिक संस्कृति, भाषा और रीति-रिवाजों को छोड़ना पड़ा है। संगठन ने मांग की कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोग जो अन्य धर्मों में परिवर्तित हो जाते हैं और अपनी "मूल आदिवासी संस्कृति, रीति-रिवाजों, जीवन और परंपराओं" को छोड़ देते हैं, उन्हें एसटी सूची से हटा दिया जाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: Purvottar Lok: पंजाब के अराजक तत्वों को भेजा गया Assam Jail, Arunachal में मिली Catfish, Meghalaya में पहली बार बिजली चालित रेलगाड़ियां

इसके अलावा, कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह के एक और सहयोगी को सोमवार को असम के डिब्रूगढ़ स्थित केंद्रीय कारागार भेज दिया गया, जहां पहले से उसके सात सहयोगी बंद हैं। भगोड़े अमृतपाल का अंगरक्षक होने के संदेह में वरिंदर सिंह को कुछ दिन पहले पंजाब में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारी ने कहा कि उसे विमान से डिब्रूगढ़ लाया गया और पुलिस अधीक्षक श्वेतांक मिश्रा के नेतृत्व में कड़ी सुरक्षा के बीच जेल ले जाया गया। हम आपको बता दें कि जेल में 19 मार्च से बहुस्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है, जिस दिन वारिस पंजाब दे (डब्ल्यूपीडी) के चार सदस्यों के पहले समूह को यहां लाया गया था।

इसके अलावा, असम और अरुणाचल प्रदेश के मंत्री और शीर्ष अधिकारी दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद पर चर्चा करने के लिए एक बैठक में शामिल हुए। असम के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करने वाले राज्य के मंत्रियों ने कहा कि बैठक में लंबे समय से जारी सीमा विवाद का स्थायी समाधान तलाशने पर चर्चा की गयी। असम के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु ने ट्वीट किया, ''असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा क्षेत्रीय समिति की बैठक में भाग लिया। हमने दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद का स्थायी समाधान तलाशने पर चर्चा की।’’ हम आपको याद दिला दें कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने पिछले साल 15 जुलाई को नमसाई घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें उन्होंने जल्द ही समाधान तलाशने का संकल्प लिया था। इसके बाद से ही दोनों राज्य सीमा विवाद हल करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

इसके अलावा, असम सरकार ने राज्य के भीतर उड़ान सेवाएं शुरू करने के लिए शनिवार को विमानन कंपनी बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड (फ्लाईबिग) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है। फ्लाईबिग के एक अधिकारी ने बताया कि इस समझौते के तहत वह गुवाहाटी-डिब्रूगढ़-गुवाहाटी और गुवाहाटी-सिलचर-गुवाहाटी मार्गों पर दैनिक उड़ानें शुरू करेगी। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की उपस्थिति में असम पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक कुमार पद्म पाणि बोरा और फ्लाईबिग के निदेशक संजय नटवरलाल मांडविया ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू की शर्तों के अनुसार, इन उड़ानों का संचालन केंद्र सरकार की ‘उड़ान’ योजना के अनुरूप शुरू होगा। इस कार्यक्रम में सरमा ने कहा कि आगे चलकर दैनिक उड़ानों की संख्या बढ़ाई जाएगी और राज्य के भीतर हवाई संपर्क को एक नया आयाम मिलेगा। उन्होंने बताया कि उड़ान सेवाएं सुनिश्चित संपर्क और मूल्य सुनिश्चित करेंगी क्योंकि मूल्य निर्धारण पर नजर रखने का निर्णय लिया गया है। इन उड़ानों के टिकट की अधिकतम कीमत 4,000 रुपये तय की गई है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुवाहाटी और न्यू जलपाईगुड़ी को जोड़ने वाली, पूर्वोत्तर की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 14 अप्रैल को हरी झंडी दिखा सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने इस क्षेत्र में वंदे भारत की शुरुआत के मौके पर एक भव्य आयोजन की तैयारी शुरू कर दी है। एक अधिकारी ने बताया, ''जी हां, यह सच है पूर्वोत्तर में जल्द वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई जाएगी। हम प्रधानमंत्री के गुवाहाटी दौरे के समय 14 अप्रैल को इसे शुरू करने की योजना बना रहे हैं।’’ हम आपको बता दें कि असम सरकार आगामी रोंगाली बिहू के अवसर पर एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन करेगी जिसमें यहां 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी के सामने 11,140 नृतक प्रस्तुति देंगे। इसके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी जगह बनाने की उम्मीद है। गुवाहाटी के सरुसजाई इंडोर स्टेडियम में होने वाले इस कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री के अलावा सभी राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, जी20 सदस्य देशों और आसियान देशों के राजनयिकों तथा अन्य गणमान्य लोगों को निमंत्रण भेजे जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए तैयारियों पर करीबी नजर रख रहे हैं। असम सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली मेट्रो की बोगियों, बस अड्डों, प्रमुख सड़कों और हवाई अड्डों पर होर्डिंग लगाकर इस कार्यक्रम का प्रचार भी शुरू किया है। मुंबई और कोलकाता में भी ऐसा ही प्रचार अभियान शुरू किया जाएगा। हम आपको बता दें कि अप्रैल मध्य में मनाए जाने वाले रोंगाली या बोहाग बिहू से असमी नव वर्ष की शुरुआत होती है तथा इसे असम और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।

अरुणाचल प्रदेश

उधर, अरुणाचल प्रदेश से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य में निकी सुमी के नेतृत्व वाले एनएससीएन (के) गुट के दो उग्रवादी ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी की हत्या कर तिरप जिले की खोंसा जेल से फरार हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दी। अरुणाचल प्रदेश पुलिस के प्रवक्ता रोहित राजबीर सिंह ने बताया कि जेल के विशेष प्रकोष्ठ में कैद दो उग्रवादी रोकसेन होमचा लोवांग और तिप्तु कितनिया ने कांस्टेबल वांगन्याम बोसई से सर्विस राइफल छीन ली और बोसई पर गोली चलाई तथा जेल से फरार हो गए। बोसई के पेट में गोली लगी थी। असम के डिब्रूगढ़ जिले में अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (अफस्पा), 1958 के तहत अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के कुछ हिस्सों का ‘अशांत क्षेत्र’ का दर्जा छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। दो अलग-अलग अधिसूचनाओं के मुताबिक, दोनों राज्यों में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है। उल्लेखनीय है कि अफस्पा अशांत क्षेत्रों में तैनात सशस्त्र बलों के कर्मियों को ‘सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने’ के लिए आवश्यक समझे जाने पर तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोली चलाने की व्यापक शक्तियां देता है। गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने अफस्पा, 1958 (1958 का 28) की धारा तीन द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और असम की सीमा से सटे राज्य के नमसाई जिले के नमसाई एवं महादेवपुर पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों को 30 सितंबर, 2022 को ‘अशांत क्षेत्र’ के रूप में घोषित किया था। मंत्रालय के मुताबिक, नयी अधिसूचना के तहत अरुणाचल के एक और थाना क्षेत्र को अफस्पा के दायरे में लाया गया है।

इसके अलावा, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अरुणाचल प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (एपीएसएसबी) घोटाले और एपीपीएससी प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच के सिलसिले में पापुम पारे जिले में छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने एपीएसएसबी घोटाले और अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एपीपीएससी) प्रश्न पत्र लीक मामलों की जांच करते हुए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत छापेमारी की। एजेंसी ने दावा किया कि छापेमारी के दौरान उसे अपराध में इस्तेमाल हुए दस्तावेज और 1.41 करोड़ रुपये बरामद हुए।

त्रिपुरा

उधर, त्रिपुरा से आई खबरों की बात करें तो वहां हाल ही में नवगठित विधानसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुन लिये गये हैं। भाजपा विधायक विश्वबंधु सेन को त्रिपुरा विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है। विश्वबंधु सेन को 32 मत मिले जबकि विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवार गोपाल चंद्र रॉय को 14 मत मिले। टिपरा मोथा के विधायकों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। उसके विधानसभा में 13 सदस्य हैं। हम आपको बता दें कि उत्तरी त्रिपुरा जिले में धर्मनगर से चार बार के विधायक विश्वबंधु सेन पूर्ववर्ती विधानसभा में उपाध्यक्ष थे। त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा-आईपीएफटी गठबंधन के 33 विधायक हैं जबकि विपक्षी दल कांग्रेस और माकपा के संयुक्त रूप से 14 विधायक हैं।

इसके अलावा, भाजपा विधायक रामप्रसाद पॉल को सर्वसम्मति से त्रिपुरा विधानसभा का उपाध्यक्ष चुना गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रामप्रसाद पॉल पिछली सरकार में जेल और अग्निशमन सेवा मंत्री थे। उनका समर्थन करने के लिये सदस्यों को धन्यवाद देते हुए पॉल ने कहा, “मैं अपने कर्तव्यों को गरिमा और जिम्मेदारी के साथ निभाऊंगा। मैं सभी सदस्यों को एक समान दृष्टिकोण से देखूंगा। मुझे आशा है कि इस सदन में सभी चर्चायें रचनात्मक होंगी।”

इसके अलावा, टिपरा मोथा अध्यक्ष प्रद्योत देबबर्मा ने कहा है कि यदि केंद्र आदिवासियों के संवैधानिक समाधान पर चर्चा के लिए एक वार्ताकार नियुक्त करने में विफल रहता है तो वह आमरण अनशन शुरू करेंगे। राज्य में 24 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव से एक दिन पहले, देबबर्मा ने कहा था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें फोन किया था और आश्वासन दिया कि 27 मार्च तक एक वार्ताकार नियुक्त किया जाएगा। तेरह सदस्यों के साथ त्रिपुरा विधानसभा की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी टिपरा मोथा ने ‘‘बैठने की अनुचित व्यवस्था’’ के विरोध में विधानसभाध्यक्ष चुनाव से पहले बहिर्गमन किया था और मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। राज्य के पूर्व शाही परिवार के वंशज देबबर्मा ने हिंदी में एक ऑडियो संदेश में कहा, ‘‘मेरे प्यारे टिपरा लोगों, आपने मुझे प्यार और सम्मान दिया है। मैं आपका आभारी हूं। मैं आमरण अनशन कर सकता हूं, लेकिन आपको धोखा नहीं दे सकता। भारत सरकार को हमारी बात सुननी होगी। मैं एक और दिन का इंतजार कर रहा हूं। अगर कुछ नहीं हुआ, तो मैं आमरण अनशन शुरू कर दूंगा।’’

मेघालय

उधर, मेघालय से आई खबरों की बात करें तो मेघालय उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को ‘ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा’ के निर्माण के लिए जमीन की पहचान करने का निर्देश दिया है क्योंकि बड़े विमानों के उतरने की सुविधा के लिए शिलांग हवाई अड्डा को विस्तारित नहीं किया जा सकता है। मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी के नेतृत्व में उच्च न्यायालय की पीठ ने इस संबंध में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिया। पीठ ने एक आदेश में कहा, ‘‘राज्य को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) या उमरोई हवाई अड्डा पर तैनात अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श कर इस मद में जमीन की पहचान का प्रयास करना चाहिए ताकि ‘ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा’ परियोजना के लिए वह जगह उपयुक्त होगी या नहीं, इस पर शुरुआती विचार जानने के लिए एएआई को आमंत्रित किया जा सके।’’

इसके अलावा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा है कि पड़ोसी राज्य असम के साथ सीमा विवाद पर बातचीत का दूसरा दौर मई तक शुरू होने की संभावना है, ताकि दोनों राज्यों के बीच मतभेद के शेष छह क्षेत्रों में विवाद को हल किया जा सके। संगमा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह व्यक्तिगत स्तर पर इस मुद्दे पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा के नियमित संपर्क में है। उन्होंने कहा, “आधिकारिक तौर पर, हम अप्रैल के आखिर में या शायद मई में इस पर काम करने की कोशिश करेंगे।”

इसके अलावा, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने इस सप्ताह विधानसभा में बजट पर चर्चा का तीन घंटे सत्रह मिनट लंबा जवाब दिया, जिसके कारण कई विपक्षी विधायक कार्यवाही पूरी होने से पहले ही सदन से बाहर चले गए। संगमा का यह जवाब सबसे लंबे जवाबों में से एक है। संगमा ने अपना भाषण शाम 5.05 बजे शुरू किया और रात 8.17 बजे समाप्त किया। इस दौरान उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों की ओर से उठाए गए लगभग सभी सवालों का जवाब देने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने बहस के दौरान माननीय सदस्यों द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं को नोट किया। मैं जवाब देने के लिए यहां तीन घंटे से अधिक समय तक खड़ा रहा। हमारी राज्य के 38 लाख लोगों और आपके (अध्यक्ष) के माध्यम से सदन के उन सभी सदस्यों के प्रति प्रतिबद्धता है जो जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इसके अलावा, कांग्रेस के विधायक सेलिस्टाइन लिंगदोह ने दावा किया कि एक हालिया बयान से मेघालय और इसके लोगों की छवि खराब हो रही है कि यह “देश का सबसे भ्रष्ट” प्रदेश है। उन्होंने कहा कि मेघालय से बाहर यहां के स्थानीय लोगों को 'चोर नंबर 1' कहा जा रहा है। दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने तुरा में एक चुनावी रैली में कथित तौर पर कहा था कि कोनराड के. संगमा के नेतृत्व वाली मेघालय डेमोक्रेटिक एलायंस सरकार “देश में सबसे भ्रष्ट” सरकार है। राज्य के लोगों को दी गई नयी उपमा पर विधानसभा में चर्चा की मांग करते हुए, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लिंगदोह ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया कि एक अति विशिष्ट व्यक्ति (वीवीआईपी) के बयान के बाद राज्य के लोगों को 'चोर नंबर 1' कहा जा रहा है।

मणिपुर

उधर, मणिपुर से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि मणिपुर के म्यांमा से सटे तेंगनौपाल जिले में अवैध प्रवासियों की पहचान करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के दौरान किसी को भी न गिरफ्तार किया जाएगा न ही हिरासत में लिया जाएगा। तेंगनौपाल के जिलाधिकारी की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि अवैध प्रवासियों को तब तक अस्थायी आधार पर मानवीय सहायता दी जाएगी जब तक उन्हें निर्वासित नहीं किया जाता है या केंद्र या राज्य सरकार उनके संबंध में कोई निर्णय नहीं करती है। अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य सरकार ने जिले के मोरेह उपमंडल के होलेनफाई गांव में अवैध प्रवासियों को अस्थायी आवास, भोजन, सुरक्षा और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए सुविधाएं विकसित की हैं।

इसके अलावा, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने घोषणा की है कि राज्य सरकार अज्ञात बदमाशों की गोलीबारी में मारे गए 12वीं कक्षा के छात्र के परिजनों को पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करेगी। हत्या के सिलसिले में गठित संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री की मुलाकात के बाद यह फैसला किया गया। बीरेन सिंह ने फेसबुक पर लिखा, "राज्य सरकार 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान करेगी और मामले की आवश्यक जांच की जाएगी। सरकार निकटतम पात्र रिश्तेदार को नौकरी देने पर भी विचार करेगी।" उल्लेखनीय है कि कांगपोकपी जिले के मोटबंग मॉडल गांव में शनिवार रात करीब साढ़े आठ बजे कुछ अज्ञात बदमाशों ने 17 वर्षीय सेगुनलाल मिसाओ की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

मिजोरम

उधर, मिजोरम से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री और सत्तारुढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के अध्यक्ष ज़ोरमथांगा ने दोहराया कि उनकी पार्टी अगले विधानसभा चुनावों में फिर से सत्ता में लौटेगी। मिज़ोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए इस साल के अंत में चुनाव होना है। ज़ोरमथांगा ने असम की सीमा से सटे कोलासिब नगर में पार्टी के ब्लॉक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस का संख्या बल कम हो गया है और उसके कम ही सीटों पर चुनाव जीतने की संभावना है जबकि ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ज़ेडपीएम) अब अपने पुराने मुद्दे नहीं उठा सकती। उन्होंने कहा कि ऐसे में इसमें कोई शक नहीं है कि एमएनएफ फिर से सत्ता में लौटेगी। मौजूदा विधानसभा में एमएनएफ के 28 सदस्य हैं जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी ज़ेडपीएम के छह विधायक हैं तथा कांग्रेस के पांच एवं भारतीय जनता पार्टी का एक सदस्य है।

इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक अप्रैल को मिजोरम का एक दिवसीय दौरा करेंगे और इस दौरान वह 2,414 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। अमित शाह जोखावसांग में असम राइफल्स बटालियन मुख्यालय परिसर और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत एकीकृत कमान एवं नियंत्रण केंद्र का उद्घाटन करेंगे। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 502ए के जोरिनपुई-लोंगमासु खंड के निर्माण की आधारशिला रखेंगे। अमित शाह आइजोल बाइपास के दो खंडों (पैकेज 1 और पैकेज 2) के निर्माण और लालडेंगा केंद्र के निर्माण की आधारशिला भी रखेंगे।

इसके अलावा, मिजोरम में पिछले पांच दिनों में 23 लाख रुपये से अधिक मूल्य की हेरोइन के साथ म्यांमार के तीन नागरिकों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि आबकारी एवं नारकोटिक्स विभाग ने आइजोल और सेरछिप जिलों में सात स्थानों पर छापेमारी कर 913.8 ग्राम हेरोइन जब्त की है। उन्होंने बताया कि सेरछिप में मादक पदार्थ रोधी छापेमारी में 434 ग्राम हेरोइन जब्त की गई। उन्होंने बताया कि सात स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि आइजोल में म्यांमार के तीन नागरिकों सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया तथा उनके पास से कुल 346 ग्राम हेरोइन जब्त की गई। अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों पर स्वापक ओषिध और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 के तहत मामला दर्ज किया गया।

इसके अलावा, मिजोरम के चुनाव अधिकारी पड़ोसी राज्य त्रिपुरा में स्थायी रूप से बस गए मिजोरम के ब्रू मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया को तेज करने को लेकर वहां के अपने समकक्षों के साथ बैठक करेंगे। मिजोरम के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डेविड लियानसंगलुरा पचुआउ ने कहा कि उनकी अप्रैल में त्रिपुरा की यात्रा कर वहां के निर्वाचन अधिकारियों के साथ बातचीत करने की योजना हैं ताकि ब्रू मतदाताओं संबंधी गड़बड़ी को जल्द सुलझाया जा सके और मिजोरम की मतदाता सूची से ब्रू मतदाताओं के नामों को हटाने की प्रक्रिया तेज़ की जा सके। हम आपको बता दें कि साल 1997 में ब्रू उग्रवादियों द्वारा एक मिजो वन अधिकारी की हत्या से उपजे जातीय तनाव के कारण हजारों ब्रू लोग त्रिपुरा भाग गए थे।

नगालैंड

उधर, नगालैंड से आई खबरों की बात करें तो आपको बता दें कि नगालैंड विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) के चुनाव नहीं कराने का संकल्प लिया। यह चुनाव दो दशकों के बाद 16 मई को होने वाले थे। विधानसभा ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया, जिसे संसदीय कार्य मंत्री के जी केन्ये ने पेश किया। कई नगा आदिवासी निकायों और नागरिक समाज संगठनों ने नगालैंड नगर निगम अधिनियम-2001 के तहत यूएलबी चुनाव कराने का विरोध करते हुए कहा है कि यह संविधान के अनुच्छेद-371 (ए) द्वारा गारंटीकृत नगालैंड के विशेष अधिकारों का उल्लंघन करता है। उल्लेखनीय है कि यूएलबी चुनाव कराने के लिए महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य कर दिया था।

इसके अलावा, भारतीय रेलवे कई नई रेलवे लाइन परियोजनाओं को क्रियान्वित करके पूर्वोत्तर राज्यों के परिवर्तन की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। नगालैंड में दीमापुर और कोहिमा के बीच नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का निर्माण कार्य जोरों पर है और इसके 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। नगालैंड की राजधानी कोहिमा को देश के ब्रॉड गेज रेलवे मानचित्र पर लाएगा। 6,663 करोड़ रुपये की परियोजना पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे निर्माण संगठन द्वारा की जा रही है। परियोजना में आठ नए स्टेशन अर्थात धनसिरी, धनसिरीपार, शोखुवी, मोलवोम, फेरिमा, पिफेमा, मेंगुजुमा और जुब्जा शामिल किए गए हैं। इसमें 24 प्रमुख पुल, 156 छोटे पुल, 6 ऊपरी सड़क पुल, 15 निचले सड़क पुल और 31 किमी लंबी 21 सुरंगें भी शामिल हैं। नगालैंड में दीमापुर और कोहिमा के बीच एक नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन का निर्माण कार्य क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रमुख बढ़ावा होगा इससे क्षेत्र के स्थानीय लोगों को लाभ भी होगा।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़