कांग्रेस के साथ खराब होंगे ममता के रिश्ते! राहुल को बताया जूनियर

Not Averse To Working With Congress, says Mamata Banerjee
[email protected] । Jul 7 2018 7:30PM

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह केंद्र में भाजपा नीत सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिये कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के खिलाफ नहीं हैं।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह केंद्र में भाजपा नीत सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिये कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार ‘सौ हिटलर’ की तरह बर्ताव कर रही है। तृणमूल अध्यक्ष ने एक पत्रिका को दिये गए साक्षात्कार में कहा कि उनके संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ कभी काम नहीं किया। उन्होंने राहुल को ‘काफी जूनियर’ बताया।

‘इंडिया टुडे’ को दिये गए साक्षात्कार में प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनकी ‘ऐसी कोई मंशा’ नहीं है। हालांकि, यह कहे जाने पर कि क्या वह खुद को उस पद की दौड़ से बाहर नहीं कर रही हैं तो वह अनिश्चित दिखीं। यह साक्षात्कार इंडिया टुडे ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिये तैयारी करने की जगह हमें साथ मिलकर काम करना चाहिये।’

बनर्जी ने कहा कि उन्हें किसी के साथ भी काम करने में तब तक कोई समस्या नहीं है जब तक कि उनकी मंशा और दर्शन साफ हो। कांग्रेस नेतृत्व के साथ संबंधों के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा, ‘मैं राजीव जी या सोनिया जी के बारे में जो कह सकती हूं, वो राहुल के बारे में नहीं कह सकती, क्योंकि वह काफी जूनियर हैं।’ 

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस के साथ काम करने या उसके साथ तालमेल करने के खिलाफ नहीं हैं तो बनर्जी ने कहा, ‘मुझे कोई समस्या नहीं है। मेरी मंशा सबको एकजुट करने की है। लेकिन यह मेरा अकेले का फैसला नहीं है। यह सभी क्षेत्रीय दलों को फैसला होना चाहिये। मुझे किसी के साथ भी काम करने में समस्या नहीं है जब तक कि वे सक्षम हैं और उनकी मंशा, उनका दर्शन और उनकी विचारधारा स्पष्ट है।’

कुछ विपक्षी पार्टियों के कांग्रेस को छोड़कर संघीय मोर्चा बनाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियां कांग्रेस का समर्थन नहीं करती हैं क्योंकि उनकी अपनी क्षेत्रीय मजबूरियां हैं। 

उन्होंने कहा, ‘मैं उनपर दोषारोपण नहीं करती हूं। मेरा कहना है कि भाजपा के खिलाफ मिलकर काम करते हैं। अगर कांग्रेस मजबूत है और कुछ स्थानों पर अधिक सीट पाती है तो उसे अगुवाई करने दें। अगर क्षेत्रीय दल किसी और जगह एकसाथ हैं तो वे निर्णय करने वाले हो सकते हैं।’

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कल पश्चिम बंगाल के पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी। उन्होंने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की राज्य इकाई को मजबूत बनाने और आगे के रास्ते के बारे में उनकी राय जाननी चाही। कांग्रेस नेताओं के एक हिस्से ने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठजोड़ के प्रति झुकाव दिखाया है।वहां लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं। पीसीसी प्रमुख अधीर रंजन चौधरी हालांकि तृणमूल के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। 

तृणमूल प्रमुख ने विश्वास जताया कि विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन संभव है। भाजपा के खिलाफ विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार उतारने के उनके विचार के बारे में उन्होंने कहा, ‘मैं वह बात नहीं कह रही हूं। अगर ऐसा 75 सीटों पर किया गया तो खेल खत्म हो जाएगा। अगर (बसपा प्रमुख) मायावती और (सपा प्रमुख) अखिलेश (यादव) उत्तर प्रदेश में साथ मिलकर काम करते हैं, तो खेल खत्म हो जाएगा। तब चुनाव के बाद न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया जा सकता है। यह बड़ा परिवार है।इसलिये सामूहिक फैसला होने दें।’

प्रधानमंत्री बनने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘मैं। यह बेहद नासमझी भरा सवाल है। पहले मैं कहना चाहूंगी कि मेरी कोई मंशा नहीं है। मैंने आपको बताया कि मैं एक साधारण व्यक्ति हूं और अपने काम से खुश हूं। लेकिन हम एक सामूहिक परिवार के सदस्य के तौर पर सबकी मदद चाहते हैं। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिये तैयारी करने की बजाय हमें साथ मिलकर काम करना चाहिये।’

यह कहे जाने पर कि क्या वह खुद को दौड़ से अलग कर रही हैं तो उन्होंने कहा, ‘किसी चीज से इंकार करने वाली मैं कौन होती हूं। मैं जानती हूं कि मैं बेहद अनुभवी नेता और संघर्षों के बाद काफी वरिष्ठ नेता हूं। मैं सात बार सांसद रही हूं , दो बार विधायक और दो बार से मुख्यमंत्री हूं। इसलिये, मैं ऐसा कुछ नहीं कह सकती जो दूसरों को पसंद नहीं हो।’

बनर्जी ने संघीय मोर्चा का विचार पेश किया था। वह भाजपा के खिलाफ मजबूत विपक्षी गठबंधन तैयार करने के लिये कई प्रभावशाली नेताओं से मिल रही हैं। उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा, ‘वे अत्याचार कर रहे हैं। यातना दे रहे हैं। यहां तक कि भाजपा के कुछ नेता भी उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं। वे सौ हिटलरों की तरह बर्ताव कर रहे हैं।’

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